छत्तीसगढ़
राजधानी रायपुर: एनएसयूआई के दो गुट भिड़े, चाकूबाजी और जमकर मारपीट
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में शुक्रवार की दोपहर जबरदस्त बवाल हो गया। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन रायपुर पहुंचे हुए थे। उनके स्वागत में एनएसयूआई के तमाम कार्यकर्ता राजीव भवन पहुंच गए और यहां गहमागहमी के माहौल के बीच एनएसयूआई के दो गुट आपस में भिड़ गए।
भावेश शुक्ला के साथ आए युवक नीरज कुंदन के स्वागत में नारेबाजी कर रहे थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत और नारेबाजी करने की होड़ में बात मारपीट तक जा पहुंची। आपसी तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुई शुरू हुआ झगड़ा, चंद मिनटों में बड़ी जंग में तब्दील हो गया और आपस में एनएसयूआई के नेता मारपीट करने लगे। एक दूसरे को पीटने लगे, लात-घूंसे भी चले।
इस घटना के बाद एनएसयूआई की वजह से प्रदेश कांग्रेस की भी बड़ी किरकिरी हुई है। अब एनएसयूआई के पदाधिकारी इसे आपसी मामूली झगड़ा बता रहे हैं। करीब 45 मिनट तक चली मारपीट के बाद अब मामला शांत हो गया है पदाधिकारी घटना की जानकारी ले रहे हैं। बड़े कांग्रेस नेताओं ने भी पदाधिकारियों को इस हरकत के लिए फटकारा है।
छत्तीसगढ़
गोलबाजार की दुकानों का मालिकाना हक काबिज दुकानदारों को देने की प्रक्रिया तेज,कलेक्टर ने सर्वे व मूल्यांकन के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी
छत्तीसगढ़ की राजधानी के ऐतिहासिक गोलबाजार में एक लाख 53 हजार वर्गफीट जमीन और दुकानों के मूल्यांकन का काम शुरू हो गया है। इससे यहां काबिज दुकानदारों को दुकानों का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया अब तेज हो गई है। कलेक्टर ने इसके लिए अधिकारियों की कमेटी भी गठित कर दी है। दिवाली के बाद ही दुकानदारों को दुकानों का मालिकाना हक मिलने की उम्मीद की जा रही है।
रायपुर नगर निगम मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गोलबाजार की दुकानों का मालिकाना हक काबिज दुकानदारों को देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी गठित की है। यह कमेटी गोलबाजार की जमीन व दुकानों का मूल्यांकन करके सर्वे रिपोर्ट सौंपेगी।
सर्वे रिपोर्ट से साफ होगा कि जमीन व दुकानदारों की वास्तविक स्थिति क्या है। अब तक नगर निगम के राजस्व विभाग और नगर निवेश विभाग के अनुसार 826 दुकानदार और 570 दुकानें सूचीबद्ध की गई थीं। इन दुकानदारों को दुकानों का मालिकाना हक देने से मिलने वाले राजस्व में निगम के साथ ही जिला प्रशासन का भी हिस्सा होगा। यही कारण है कि कलेक्टर ने सर्वे व मूल्यांकन के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
गोलबाजार की जमीन के मूल्यांकन के लिए निगम से उपायुक्त राजस्व के साथ जिला प्रशासन से डिप्टी रजिस्ट्रार और तहसीलदार को शामिल किया गया है, जबकि सर्वे के लिए जिला प्रशासन का राजस्व अमला और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के साथ टीम है। सभी अधिकारी निगम आयुक्त के निर्देश पर आने वाले दिनों में पूरी रिपोर्ट बनाकर पेश करेंगे।
जमीन, दुकान का मूल्यांकन
गोलबाजार की जमीन और उस पर बनी दुकानों का अधिकारियों की टीम मूल्यांकन कर रही है। इसके आधार पर ही रकम तय की जाएगी। गोलबाजार प्रोजेक्ट को ध्यान में रखकर कलेक्टर ने दो पटवारियों व दो सहायक अधीक्षकों (भू अभिलेख) को नगर निगम में संलग्न कर दिया है। ये अपने मूल काम के साथ ही निगम का काम भी देख रहे हैं।
ड्राइंग डिजाइन तैयार
निगम व जिला प्रशासन ने गोलबाजार के अंतिम सर्वे का काम करने के साथ ही इसका ड्राइंग डिजाइन भी तैयार कर लिया है। हालांकि इसे नवंबर तक अंतिम रूप दिया जाएगा। निगम के अधिकारियों ने बताया कि गोलबाजार में बड़े वाहन नहीं जा सकेंगे। केवल दोपहिया वाहन को छूट दी गई है।
इसे नो व्हीकल जोन बनाने का सुझाव दिया गया, लेकिन व्यापारियों का कहना था कि दोपहिया से लोग खरीदारी करने आते है, अगर यह बंद हुआ तो ग्राहकी प्रभावित होगी। गोलबाजार कैसा बनेगा, इसका प्रेजेंटेशन व्यापारियों को दिखाया गया। तीन एकड़ में फैले गोलबाजार की गलियों और सड़कों को विदेशी बाजारों की तर्ज पर आकर्षक तरीके से ढंका जाएगा। बाजार में कारोबारियों व आम नागरिकों के लिए तीन आधुनिक शौचालय का भी प्रस्ताव आर्किटेक्ट ने दिया है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की बिजली से केरल रौशन, 6,000 मेगावाट एचवीडीसी बाइपोल लिंक सप्लाई शुरू
अब छत्तीसगढ़ की बिजली से केरल रौशन हो सकेगा। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल) ने रायगढ़-पुगलुर-त्रिशूर 6,000 मेगावाट एचवीडीसी बाइपोल लिंक का 25 अक्टूबर से सप्लाई शुरू कर दिया गया है। यह पूरी लाइन वोल्टेज स्रोत कनवर्टर (वीएससी) तकनीक से खींचीं गई है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ से केरल तक में रास्ते की गंभीर बाधाओं के कारण, पीजीसीआईएल ने वीएससी तकनीक का विकल्प चुना ताकि अंततः केरल को बिजली हस्तांतरित की जा सके। केरल क्षेत्र तक ओवरहेड लाइनें हैं और पीजीसीआईएल ने केरल के भीतर भूमिगत ईएचवी केबल बिछाई हैं जहां भी आरओडब्ल्यू बाधाओं का सामना करना पड़ा था। इसकी लंबाई के 153 किमी में से, भूमिगत केबल लगभग 27 किमी (सभी केरल में) में हैं। सितंबर 2020 में राज्य के उपक्रम पीजीसीआईएल ने 6,000 मेगावाट की रायगढ़-पुगलुर हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट ट्रांसमिशन परियोजना के पहले चरण को चालू किया था। पीजीसीआईएल ने रायगढ़ के पोल-1 को पुगलूर (तमिलनाडु) से 1,765 किलोमीटर हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) ट्रांसमिशन सिस्टम में शामिल किया है, जिसकी 1,500 मेगावाट क्षमता है।
दुनिया की सबसे बड़ी मल्टी-टर्मिनल
त्रिशूर एचवीडीसी प्रणाली रायगढ़-पुगालुर-त्रिशूर 6,000 मेगावाट एचवीडीसी प्रणाली का हिस्सा है और त्रिशूर में मदक्कथरा में एचवीडीसी स्टेशन के माध्यम से केरल को 2,000 मेगावाट के हस्तांतरण को सक्षम बनाती है।रायगढ़-पुगलुर-त्रिचूर हाई-वोल्टेज डायरेक्ट करंट ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट भारत के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों के बीच 6 गीगी वोल्ट तक बिजली के वितरण की सुविधा प्रदान करेगा। यह ऑनलाइन आने वाली दुनिया की सबसे बड़ी मल्टी-टर्मिनल एचवीडीसी प्रणालियों में से एक होने की उम्मीद है।
यह वोल्टेज स्रोत कनवर्टर (वीएससी) तकनीक को शामिल करने वाला भारत का पहला एचवीडीसी सिस्टम भी है। इसमें रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से पुगलूर (तमिलनाडु) तक चार 800 केवी ट्रांसमिशन लाइनें शामिल हैं, जो महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से गुजरते हुए छत्तीसगढ़ से तमिलनाडु तक लगभग 1,765 किमी और पुगलूर से त्रिशूर तक 250 किमी लंबी 320 केवी लाइन तय करेगा। केरल में पुगलूर को उत्तरी त्रिशूर से जोड़ने वाली एचवीडीसी लाइन की हस्तांतरण क्षमता 2,000 मेगावाट होगी।
छत्तीसगढ़
महासमुंद और कोरबा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की मान्यता के आवेदन रद्द ,कांकेर मेडिकल कॉलेज को 100 सीटों की मंजूरी
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) ने छत्तीसगढ़ के कांकेर मेडिकल कॉलेज को MBBS की 100 सीटों पर प्रवेश देने की अनुमति दे दी है। इस मेडिकल कॉलेज को पिछले वर्ष ही मान्यता मिली थी। वहीं महासमुंद और कोरबा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की मान्यता के आवेदन रद्द कर दिए गए हैं।स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि ‘कांकेर में नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति मिल गई है। 100 MBBS सीटों वाला यह कॉलेज, मेडिकल विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
‘ अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने कांकेर, कोरबा और महासमुंद में नए बने मेडिकल कॉलेजों में MBBS की 100-100 सीटों पर प्रवेश के लिए आयोग की अनुमति मांगी थी।मेडिकल असेसमेंट रेटिंग बोर्ड और यूजी एक्सपर्ट मेडिकल ग्रुप ने 23 और 24 अगस्त को तीनों मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण किया था। इसमें कुछ कमियां पाई गई थीं।
कमेटी ने इसमें सुधार के लिए 21 दिन का वक्त दिया था। महासमुंद मेडिकल कॉलेज ने 18 अक्टूबर को ऑनलाइन प्रजेंटेशन दिया। लेकिन बात नहीं बनी। अब महासमुंद और कोरबा मेडिकल कॉलेज को MBBS सीटों पर प्रवेश के लिए अगले सत्र तक का इंतजार करना होगा।
मेडिकल कॉलेजों में ये कमियां पाई गईं
मेडिकल असेसमेंट रेटिंग बोर्ड और यूजी एक्सपर्ट मेडिकल ग्रुप ने बताया है, मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी के प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं है। रेस्पिरेटरी मेडिसिन, फोरेंसिक मेडिसिन, फिजियोलॉजी जैसे कुछ विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर के पद खाली हैं। प्रयोगशाला में भी कुछ कमियां दूर नहीं हो पाई थीं।
प्रदेश में अब 8 सरकारी मेडिकल कॉलेज
प्रवेश की मान्यता के साथ छत्तीसगढ़ में अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। छह मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही MBBS की पढ़ाई चल रही थी।
इस साल सरकार ने दुर्ग के निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया। तब यह संख्या बढ़कर 7 हुई। अब कांकेर के मेडिकल कॉलेज में भी प्रवेश की मान्यता मिल गई है। इससे पहले रायपुर, रायगढ, राजनांदगांव, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर और दुर्ग में MBBS की पढ़ाई कराई जा रही थी।\
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