ज्योतिष
बिगड़े काम को बनाता है ये जामुनिया रत्न, जाने इसे धारण करने का सही तरीका
लहसुनिया रत्न धारण करने के फायदे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु ग्रह अशुभ प्रभाव में हो तो उसे लहसुनिया रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि लहसुनिया रत्न केतु के दुष्प्रभाव को दूर करके कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति के जीवन में सुखों में वृद्धि करता है।
लहसुनिया रत्न धारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। साथ ही यह स्मरण शक्ति को बढ़ाने में भी प्रभावकारी माना गया है। वहीं इस रत्न को पहनने से व्यापार में आने वाली बाधाओं और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है।
लहसुनिया रत्न किस राशि वालों को पहनना चाहिए
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक वृष, मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि के लोगों के लिए लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ माना गया है।
कैसे धारण करें लहसुनिया रत्न
रत्न शास्त्र के मुताबिक लहसुनिया रत्न को कुंडली में केतु के अशुभ स्थिति में होने पर धारण किया जाता है। माना जाता है कि इस रत्न के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए इसके सही वजन के अनुसार ही धारण करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सवा चार रत्ती से कम वजन वाला लहसुनिया रत्न पहनना शुभ नहीं होता। इस रत्न को धारण करने से पहले ‘ॐ कें केतवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
ज्योतिष
Vastu Tips : घर में रखें काले घोड़े के नाल,मिलेगी जीवन में कामयाबी
Black Ghode ki Naal : घर की अच्छी आर्थिक स्थिति और घर में रहने वाले लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के पीछे वास्तु शास्त्र का बहुत बड़ा हाथ होता है.मनुष्य बड़े शौक से अपने लिए सपनों का घर बनाता है. जिसमें वह अपने पूरे परिवार के साथ सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहता है. इसके लिए वह तमाम तरह के उपाय अपनाता है. जिससे लोगों की बुरी नजर से बचा रह सके और लोगों के द्वारा दी जाने वाली बद्दुआएं परिवार को न लगे. घर परिवार में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहे और घर की आर्थिक स्थिति मजबूत हो. वास्तु शास्त्र (Vastu Tips) में बताए गए टोटकों को अपनाकर वह अपने परिवार को लोगों की बुरी नियत से बचा कर रखता है. वास्तु के अनुसार काले घोड़े की नाल से घर की सुख शांति और समृद्धि बढ़ती है.
काले घोड़े की नाल का उपाय
जिस घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है. पैसों की कंगाली बनी रहती है. उस घर के मेन गेट पर काले घोड़े के दाहिने पैर की नाल को यू के आकार में बांध देने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है.
अगर आपके व्यापार में आपको घाटा हो रहा हो तो आप अपनी दुकान के मुख्य द्वार चौखट पर घोड़े की नाल को लगा दे. इससे आपकी दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति प्रारंभ हो जाएगी.
अगर किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रकोप चल रहा हो तो उसे काले घोड़े की नाल से बनी अंगूठी को दाहिने हाथ की उंगली में पहनने से शनि का प्रकोप कम हो जाएगा.
अपने घर में सुख संपत्ति और समृद्धि को बढ़ाने के लिए आप तिजोरी में काले घोड़े की नाल रख दें. इससे आपके घर में कभी पैसों की कमी नहीं होगी. अगर आप घोड़े की नाल को अनाज के भंडारण कक्ष में रखते हैं तो आपके घर में अनाज की भी कमी नहीं होगी.
शनि की महादशा के प्रकोप से बचने के लिए आप एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें काले घोड़े की नाल डालकर शमी के वृक्ष के नीचे गाड दें. ऐसा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
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Astro Tips: रसोई के इन चीजों में छिपे है कुंडली के नवग्रह को शांत करने के उपाए
Astro Tips: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में नवग्रहों के कमजोर होने से व्यक्ति कई शारीरिक, मानसिक और पैसों से जुड़ी समस्याओं से घिर जाता है। ऐसे में आपकी रसोई में मौजूद इन चीजों द्वारा नवग्रहों को मजबूत किया जा सकता है…
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के नवग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। हर ग्रह का अपना फल होता है। ऐसे में जीवन सुख-शांति बनाए रखने के लिए कुंडली के सभी नौ ग्रहों का मजबूत होना बहुत जरूरी है अन्यथा व्यक्ति जीवन में सब तरफ से परेशानियों से घिर सकता है। तो आइए जानते हैं ज्योतिष अनुसार रसोई में मौजूद किन चीजों द्वारा कुंडली के नवग्रहों को शांत किया जा सकता है…
सूर्य ग्रह
ज्योतिष अनुसार कुंडली में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। कुंडली में सूर्य के प्रबल होने से जातक के आत्मविश्वास, मान-सम्मान, यश, सत्ता सुख और सेहत में वृद्धि होती है। ऐसे में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद केसर, गेंहू और शुद्ध घी का अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें।
चंद्र ग्रह
कुंडली में चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए रसोई घर में कभी चावल की कमी ना होने दें। इसके अलावा दूध और उससे बनी चीजें, गन्ना तथा शक्कर जैसे पदार्थों को आहार में शामिल करने से भी चंद्र ग्रह को मजबूती मिलती है।
मंगल ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को व्यक्ति के जीवन में साहस पराक्रम का कारक माना गया है। ऐसे में कुंडली के मंगल को प्रबल बनाए रखने के लिए आहार में गुड़, मसूर की दाल और जौ को शामिल करें। साथ ही मसूर की दाल और चीनी का दान करने से भी मंगल के शुभ प्रभाव में वृद्धि की मान्यता है।
बुध ग्रह
व्यक्ति की बुद्धि और वाणी का कारक ग्रह बुध को माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार के दिन पक्षियों को हरी मूंग खिलाने से बुध ग्रह को मजबूती मिलती है।
मंगल ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को व्यक्ति के जीवन में साहस पराक्रम का कारक माना गया है। ऐसे में कुंडली के मंगल को प्रबल बनाए रखने के लिए आहार में गुड़, मसूर की दाल और जौ को शामिल करें। साथ ही मसूर की दाल और चीनी का दान करने से भी मंगल के शुभ प्रभाव में वृद्धि की मान्यता है।
बुध ग्रह
व्यक्ति की बुद्धि और वाणी का कारक ग्रह बुध को माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार के दिन पक्षियों को हरी मूंग खिलाने से बुध ग्रह को मजबूती मिलती है।
बृहस्पति ग्रह
कुंडली में बृहस्पति ग्रह के कमजोर होने पर पीली चीजें जैसे हल्दी, चना, बेसन, फल और मक्का आदि को अपने भोजन में शामिल करें।
शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह को मजबूत बनाने के लिए मिश्री, सफेद शलजम और त्रिफला का सेवन शुभ होता है।
शनि देव
ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्म और न्याय देवता की संज्ञा दी गई है। यदि कुंडली में शनि ग्रह अशुभ प्रभाव में हो तो अपने घर की पश्चिम दिशा में सरसों के तेल को स्टोर करके रखें। इसके अलावा हर शनिवार को शनि देव मंदिर में सरसों के तेल का दान शुभदायी माना गया है।
राहु-केतु ग्रह
जातक की कुंडली में राहु तथा केतु ग्रह को छाया ग्रह कहा जाता है। इन ग्रहों की पीड़ा से बचने के लिए सरसों, उड़द की दाल और तिल का सेवन शुभ माना जाता।
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Vastu Tips : घर की पानी के बहाव को रखे इस दिशा में,नहीं तो हो सकती है ये बड़ी परेशानी
वास्तु टिप्स : मकान में पानी के बहाव की दिशा का घर में रहने वालों के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव होता है, कुछ दिशाओं शुभ और कुछ में अशुभ होता है आप जिस मकान का निर्माण कर रहे हैं या जिसमें आप रह रहे हैं, वहां पानी के बहाव की दिशा घर में रहने वालों के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक 8 दिशाओं पूर्व, ईशान, उत्तर, वायव्य, पश्चिम, नैऋत्य, दक्षिण, आग्नेय आदि की ओर जल का प्रवाह शुभ, अशुभ, लाभ, नुकसान, धन की आय या खर्च, रोग, भय, सुख संपत्ति आदि के परिणाम देता हैकैसे जाने मकान में पानी के बहाव की दिशा:- एक बाल्टी में पानी लेकर प्लाट या मकान में अलग-अलग जगह पानी फैला दें और देखें कि यह किस दिशा की और बह रहा है. इसे देखकर आप समझ पाएंगे कि कैसे परिणाम होंगे.
जब पानी का बहाव पूर्व दिशा में हो….
किसी मकान या प्लाट के पानी के बहाव की दिशा पूर्व की ओर है तो यह शुभ है और लाभ दिलाने वाला होता है. घर में शुभता रहेगी और लाभ के मार्ग निकलते रहेंगे.
जब पानी का बहाव आग्नेय की ओर हो…
किसी मकान या प्लाट में पानी के बहाव की दिशा आग्नेय कोण ( पूर्व -दक्षिण के बीच का स्थान )की दिशा ओर है तो यह बहुत ही अशुभ है और मौत का कारक योग तैयार करती है, इससे आय पर बुरा असर पड़ता है और धन की हानि होती है.
जब पानी का बहाव दक्षिण दिशा की ओर हो…
किसी मकान या प्लाट में पानी के बहाव की दिशा दक्षिण की ओर है तो यह दरिद्रता, गरीबी बढ़ता है. कर्जदार बनाता है.
जब पानी का बहाव नैऋत्य कोण दिशा की ओर हो…
किसी मकान या प्लाट में पानी के बहाव की दिशा नैऋत्य ( दक्षिण-पश्चिम) की ओर है तो यह हानि की परिस्थतियां निर्मित करता है और तरह -तरह के विवाद खड़े कर देता है.
जब पानी का बहाव पश्चिम दिशा की ओर हो…
किसी मकान या प्लाट में पानी का बहाव पश्चिम दिशा की ओर है तो यह घर परिवार का सुख नष्ट करता है. परिवार के सदस्यों को संतान उत्पत्ति में परेशानियां आती हैं. संतानों की आसमयिक मौत हो जाती है.
जब पानी का बहाव वायव्य कोण की दिशा की ओर हो…
किसी मकान या प्लाट में पानी का बहाव वायव्य कोण ( पश्चिम उत्तर की ओर ) की दिशा की ओर है तो यह सुख प्रदान करता है. भाइयों से सहयोग और समर्थन मिलता है.
जब पानी का बहाव उत्तर दिशा की ओर हो…
किसी मकान या प्लाट में पानी का बहाव उत्तर दिशा की ओर है तो यह राज सरकार या प्रशासन से लाभ दिलाने वाला होता है. अधिकांश कार्यों में सर्वसिद्धि होती है.
जब पानी का बहाव ईशान कोण की दिशा की ओर हो…
किसी मकान या प्लाट में पानी का बहाव ईशान कोण की दिशा की ओर है तो यह धन का लाभ दिलाता है और हर तरह से सुख संपत्ति दिलाता है.
मकान में जल निकास के लिए 5 खास बातें
– जल की निकासी उत्तर, पूर्व और ईशान की तरफ ही हमेशा रखना चाहिए.
– मकान या प्लाट में नाली को पूर्व दिशा की तरफ रखना चाहिए, क्योंकि यह शुभ होता है.
– जल या नाली का निकास उत्तर दिशा की और रखने से धन संपत्ति का लाभ होता है.
– जल या नाली का निकास साऊथ की तरफ रखने से तकलीफ होती है और बीमारियां घेरती हैं.
-जल की निकासी उत्तर, पूर्व और ईशान की और शुभ हैं और अन्य दिशाएं अशुभ मानी गईं हैं।
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