देश - दुनिया
बुरे वक्त में भी काम आएगा आपका ई-श्रम कार्ड, साथ में मिलेंगे लाखों के फायदे
असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत देश के करोड़ों कामगरों को आज मोदी सरकार बड़ा तोहफा दिया. सरकार ने कामगरों के हितों को ध्यान में रखते हुए ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया है. इसके तहत मजदूरों के ई-श्रम कार्ड बनेंगे. इन कार्ड पर उन्हें 5 लाख रुपये का फ्री हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिलेगा. आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) में प्रत्येक परिवार को सालाना 5 लाख रुपये का फ्री हेल्थ इंश्योरेंस कवर दिया जाता है.
श्रमिकों को स्वयं अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. उनको अपने नाम, पेशा, पता, पेशे का प्रकार, शैक्षिक योग्यता, कौशल, और पारिवारिक विवरण आदि की पूरी जानकारी देनी होगी. प्रवासी मजदूर अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
जिन मजदूरों के पास फोन नहीं हैं या जो पढ़ना/लिखना नहीं जानते, वो सीएससी केंद्रों पर जाकर, रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. श्रमिक के यूनिक अकाउंट नंबर का एक रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाया जाएगा जिसे ई श्रम कार्ड नाम दिया गया है. असंगठित और प्रवासी श्रमिकों के डाटाबेस को आधार के साथ जोड़ा जाएगा.
इसके साथ ही असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत देश के करोड़ों कामगरों की सुविधा के लिए सरकार एक नेशनल टोल फ्री नंबर भी जारी करेगी. वर्कर इस नंबर पर फोन करके पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी जानकारी ले सकेंगे. ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए उन्हें आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी.
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए बेहतर योजना है. इसके तहत रेहड़ी पटरी लगाने वालों, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर और इसी तरह के अनेक अन्य कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपना बुढ़ापा सुरक्षित करने में मदद मिलेगी. इस योजना के तहत 3000 रुपये महीना यानी 36000 रुपये साल की पेंशन मिलेगी.
देश - दुनिया
क्रेडिट कार्ड को लेकर RBI ने 1 जुलाई से लागू किए नए नियम… पढ़े पूरी खबर…
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े कई नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करने की बात कही है. यह बदलाव 1 जुलाई, 2022 से लागू होंगे. इसके बाद ग्राहकों को और ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे. रिजर्व बैंक के अनुसार, नया नियम लागू होने के बाद क्रेडिट कार्ड कंपनियां अथवा बैंक को किसी भी ग्राहक को डेबिट या क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले उससे अनुमति लेना जरूरी होगा. कार्ड को अपग्रेड करने से पहले भी ग्राहक की अनुमति जरूरी मानी जाएगी. अगर कंपनियां बिना ग्राहक की इजाजत के ही कार्ड जारी करती हैं या उसे अपग्रेड करती हैं तो उन्हें ग्राहक से शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं होगा. आरबीआई ने कहा है कि नया नियम ग्राहकों को ज्यादा सक्षम बनाएगा और उनके पास कई अधिकार भी होंगे. कंपनियां या बैंक कार्ड जारी कर या अपग्रेड करने के बाद अगर ग्राहक से शुल्क वसूलते हैं तो ग्राहक न सिर्फ इस शुल्क को चुकाने से इनकार कर सकते हैं, बल्कि संबंधित कंपनी या बैंक से जुर्माने की भी मांग कर सकते हैं. जुर्माने की राशि ग्राहक से वसूली जाने वाली फीस का दोगुना होगी.
कार्ड बंद करवाने वालों को भी सहूलियत
आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड बंद करवाने वाले ग्राहकों को भी बड़ी सहूलियत दी है. नए नियम के मुताबिक, कंपनी या बैंक को ग्राहक की ओर से कार्ड बंद करवाने की रिक्वेस्ट मिलने के 7 कार्यदिवस के भीतर इस पर अमल करना होगा. अगर वे ऐसा करने से चूकते हैं तो प्रतिदिन 500 रुपये की पेनॉल्टी लगाई जाएगी, जो खाता बंद होने तक जारी रहेगी. हालांकि, इसके लिए शर्त यह है कि ग्राहक पर कोई बकाया नहीं होना चाहिए.
ओटीपी के जरिये कार्ड होगा एक्टिवेट
आरबीआई ने कहा है कि बैंक या कंपनी को कार्ड इश्यू करने और उसे एक्टिवेट करने के लिए ओटीपी की मदद लेनी पड़ेगी. अगर ग्राहक ने 30 दिनों के भीतर कार्ड को ओटीपी के जरिये एक्टिवेट नहीं किया तो क्रेडिट कार्ड का खाता बिना किसी शुल्क या जुर्माने के बंद कर दिया जाएगा. यह काम कार्ड भेजने के 37वें दिन के बाद कभी भी किया जा सकता है.
एक साल तक कार्ड इस्तेमाल नहीं किया तो…
नए नियम के तहत अगर किसी ग्राहक ने एक साल तक कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया है तो उसे एक नोटिस देकर बंद कर दिया जाएगा. कार्ड जारी करने वाली कंपनी या बैंक को इसे इश्यू करने के साथ ही ग्राहक को एक पेज पर सभी शुल्क और ब्याज की जानकारी देनी होगी. अगर किसी कंपनी या बैंक ने किसी ग्राहक के आवेदन को रिजेक्ट किया तो उसे लिखित में रिजेक्ट करने का कारण भी बताना होगा.
ग्राहक को परेशान नहीं कर सकेंगी कंपनियां
रिजर्व बैंक ने साफ कहा है कि अगर किसी ग्राहक को कार्ड जारी किया गया और उस तक पहुंचने से पहले ही कार्ड का गलत इस्तेमाल होता है, तो ऐसे में नुकसान की पूरी जिम्मेदारी कंपनी या बैंक की होगी. इतना ही नहीं कंपनी अथवा बैंक के प्रतिनिधि किसी ग्राहक को कॉल करने के
देश
खुशखबरी: अब महंगाई भत्ता में हुआ बड़ा इजाफा, जानिए अब कितनी मिलेगी सैलरी…
7th Pay Commission today : महंगाई भत्ता कैलकुलेशन को लेकर बदलाव हो गया है. महंगाई भत्ता एक ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. आइए जानते हैं विस्तार से.केंद्रीय कर्मचारियों के लिए काम की खबर है. महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन में हो गया है.
केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल दिया है. महंगाई भत्ते के आधार वर्ष 2016 में बदलाव किया गया है. मंत्रालय मजदूरी दर सूचकांक की एक नई सीरीज जारी चुकी है. श्रम मंत्रालय ने कहा कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ WRI की नई सीरीज 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी सीरीज की जगह लेगी. यानी अब महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन का तरीका बदल गया है.
आधार वर्ष बदलती है सरकार
गौरतलब है कि महंगाई के आंकड़ों के आधार पर सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष में संशोधन करती है. इससे अर्थव्यवस्था में आने वाले बदलाव के आधार पर किया जाता है और मजदूरों के वेज पैटर्न को शामिल किया जाता है.अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन , राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, दायरा बढ़ाने और सूचकांक को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए मजदूरी दर सूचकांक का आधार वर्ष 1963-65 से बदलकर 2016 किया गया है.
कैसे होता है महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन?
आमतौर पर हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में Dearness Allowance में बदलाव किया जाता है. आपको बता दें कि महंगाई भत्ते की मौजूदा दर को मूल वेतन से गुणा कर महंगाई भत्ते की रकम निकाली जाती है.
क्या होता है महंगाई भत्ता (DA)?
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर (Cost of Living) को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. कर्मचारियों को ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन पर असर न पड़े. ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है
देश - दुनिया
सड़क हादसा: दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग हाइवे पर अनियंत्रित होकर ट्रेक्टर ट्रॉली पलटा, टला बड़ा हादसा….
बहरोड़ में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 पर गांव कांकर दोपा पुलिया से आगे पशु चारे से ओवरलोड भरे हुए ट्रैक्टर ट्रॉली अनियंत्रित होकर हाइवे सड़क के बीचो-बीच पलट गया। जिससे हाइवे पर दिल्ली से जयपुर की तरफ यातायात बाधित हो गया।
वही दुर्घटना में ट्रैक्टर चालक को मामूली चोटें आई। गनीमत रही कि आसपास दुर्घटना के समय कोई वाहन नहीं होने से बड़ा हादसा होने से टल गया। हादसे की सूचना के बाद ट्रैक्टर चालक के परिजन मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने दूसरे ट्रैक्टर की मदद से हाइवे के बीचों-बीच पलटे हुए ट्रैक्टर को सीधा किया। और साथ ही दूसरी ट्राली में भूसे को भरा गया।
वहीं हादसे के बाद रास्ते पर जाम लग गया। जिसके बाद डायवर्जन करके वाहनों को निकाला गया। हादसे के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई।
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