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हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, मोबाइल में जब मैसेज पहुंचा तो घर वाले हैरान हो उठे।
हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां मौत के चार महीने बाद एक महिला को कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लगा दी गई। मोबाइल में जब मैसेज पहुंचा तो घर वाले हैरान हो उठे। प्रमाण पत्र भी डाउनलोड हो गया। अब घरवालों ने इस लापरवाही को लेकर जिम्मेदार पर कार्रवाई की मांग की है।
कोरोना टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। बहादुरगढ़ के आदर्श नगर में मौत के करीब चार महीने बाद भी महिला को रिकॉर्ड में वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी गई। दरअसल, बहादुरगढ़ के आदर्श नगर की रहने वाली सुमित्रा दहिया का चार मई 2021 को देहांत हो गया था। इससे पहले सुमित्रा देवी ने 13 अप्रैल 2021 को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज आदर्श नगर पीएचसी में लगवाई थी लेकिन उनकी मौत को करीब चार महीने बीत जाने के बाद 27 अगस्त को सुमित्रा दहिया को उसी आदर्श नगर पीएचसी में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगा दी गई।
परिजनों के मोबाइल पर मैसेज भी आया और सर्टिफिकेट भी डाउनलोड हो गया। मौत के बाद भी दूसरी डोज लगने का मैसेज देखकर परिजन दंग रह गए। उन्हें इस बात का डर है कि उनके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया गया है। मृतका के बेटे योगेश ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया और जांच की मांग की है।
योगेश ने अपनी मृतक मां का दूसरी डोज लगने वाला सर्टिफिकेट रद्द कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं, नागरिक अस्पताल बहादुरगढ़ में नोडल आफिसर (वैक्सीनेशन) डॉ. सुंदरम ने पहले तो पूरा मामला सुनते ही जांच की बात कही। उन्होंने कहा कि जिस रजिस्टर में इंट्री हुई है उसकी भी जांच होगी और दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
थोड़ी ही देर में स्वास्थ्य विभाग का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने आए किसी लाभार्थी ने गलत मोबाइल नंबर दिया होगा जिसके कारण ऐसा हुआ है। शहर के निवासी प्रवीन कुमार ने कहा कि मौत के बाद भी वैक्सीन लगने के इस मामले से आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल होने का डर सताने लगा है। ये भी हो सकता है कि वैक्सीनेशन के आंकड़े बढ़ाने के लिए कहीं स्वास्थ्य विभाग ने ये कारनामा जानबूझकर तो नहीं किया है।
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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल करेगी योगी सरकार, हर महीने देगी 4 हजार रुपये
उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकार हर महीने चार हजार रुपए देगी। शनिवार को इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल सेवा योजना की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है उनकी पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। कोरोना के दौरान अनाथ हुई बेटियों की शादी में भी सरकार 1.10 लाख रुपए देगी।
मुख्यमंत्री ने क्या ऐलान किया?
- कोविड में अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई, विवाह का खर्च सरकार की तरफ से दी जाएगी।
- ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ऐसे बच्चों को लैपटॉप और टैबलेट सरकार देगी।
- हर महीने ऐसे बच्चों की परवरिश के लिए 4 हजार रुपए दिए जाएंगे।
- जिन बच्चों की उम्र 10 साल से कम है और जिनके गार्जियन नहीं हैं, उन्हें राज्य के बाल संरक्षण गृह में रखा जाएगा, सरकार उनकी देखरेख करेगी।
- अनाथ बालिकाओं की शादी हेतु सरकार 1.10 लाख रुपए सहायता के रूप में देगी।
555 बच्चों को किया जा चुका है चिन्हित : कोरोनाकाल में अनाथ हुए 555 बच्चों को अब तक चिन्हित किया जा चुका है। इसके अलावा सभी जिलों के डीएम से भी रिपोर्ट मांगी गई है। महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया की सभी जनपदों के डीएम को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। जिससे ऐसे सभी बच्चों के संबंध में सूचनाएं संबंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लॉक तथा ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय किया जा रहा है।
नड्डा ने दिए थे बेसहारा बच्चों के लिए योजना लाने का निर्देश : भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को 22 मई को चिट्ठी लिखी थी। पार्टी अध्यक्ष ने पत्र में कहा था कि 30 मई को केंद्र सरकार के 7 साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर हमारे मुख्यमंत्री किसी भी प्रकार का कोई उत्सव या कार्यक्रम नहीं करेंगे। नड्डा ने भाजपा के मुख्यमंत्रियों से कहा था कि देश महामारी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में कोरोना से बेसहारा हुए बच्चों के लिए कार्यक्रम करें और जरूरतमंदों की मदद करें। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मैं मुख्यमंत्रियों से निवेदन करना चाहूंगा कि वे महामारी में अनाथ हुए बच्चों के लिए कोई योजना बनाएं जिससे वे आगे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
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सीएम शिवराज सिंह चौहान हरिद्वार पहुंचे,विश्वविद्यालय में आयोजित पौधारोपण व अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हरिद्वार पहुंचे। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या ने उनका स्वागत किया। दोपहर वे गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती वर्ष के तहत देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित पौधारोपण व अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के प्रमुख डा. प्रणव पंड्या से भी शिष्टाचार भेंट करेंगे। इसके बाद वह पतंजलि योग पीठ में व्याख्यान में भाग लेंगे। सीएम शिवराज शुक्रवार को कनखल स्थित हरिहर आश्रम में श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे।
सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा पावन मां गंगा के तट पर स्थित हरिद्वार में श्री प्रज्ञेश्वर महादेव जी महाकाल मंदिर में दर्शन-पूजन कर देशवासियों के कल्याण, सुख-समृद्धि की कामना की। श्री महादेव जी की कृपा हम सभी पर बनी रहे, सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हों।
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कोरोना : CM शिवराज ने सभी DM को दिए निर्देश, कहा- तुरंत उठाए कदम, नए केस पर जताई चिंता
भोपाल में सोमवार को कोरोना के 16 मामले सामने आए हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में आपात बैठक बुलाई। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी, विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने संबंधित परिवार को आइसोलेट करने और जरूरत होने पर छोटे कंटेंटमेंट जोन बनाकर संक्रमण को फैलने से रोकने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि काटजू सहित अन्य अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए चयनित करें और हवाई अड्डे एवं रेलवे स्टेशनों पर जांच शुरू कराएं। उन्होंने अधिकारियों को इसमें एक क्षण की भी लापरवाही न करने की हिदायत दी।भोपाल के अलग-अलग क्षेत्रों से 16 मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने भोपाल कलेक्टर से कहा कि तुरंत सक्रिय होकर जरूरी कदम उठाएं। मास्क पर जोर दें, शारीरिक दूरी का पालन करने का आग्रह करें।
जांच की संख्या बढ़ाएं और अस्पतालों में कोरोना से संबंधित सभी आवश्यक मशीन और उपकरणों का एक बार परीक्षण कर लें। उन्होंने कहा कि पूरी कार्ययोजना तैयार कर प्रशासन को अलर्ट पर रखें। जन जागरुकता अभियान को गति देने के लिए मुख्यमंत्री खुद भी निकलेंगे।
कोई भी आंकड़े न छिपाए : मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को निर्देश दिए कि कोरोना से संबंधित आंकड़े रोज सुबह-शाम मुझे उपलब्ध कराएं। कोई भी आंकड़े न छिपाए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) की बैठक लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में कोरोना से संबंधित सभी मशीनरी (उपकरण, आक्सीजन संयंत्र, आक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर) का परीक्षण और समीक्षा कर लें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फिर से रोको-टोको अभियान को गति देने के निर्देश दिए हैं।
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