देश - दुनिया
अस्पताल का अजीबोगरीब मामला, जिंदा कोरोना मरीज को दिया डेथ सर्टिफिकेट!
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां जिंदा शख्स को मृत घोषित कर उसका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। बाढ़ थाने के मोहम्मदपुर में रहने वाले चुन्नू कुमार को ब्रेन हेमरेज के बाद 9 अप्रैल को पीएमसीएच में भर्ती करवाया गया था, इलाज के दौरान उनकी कोरोना जांच करवाई गई, जिसमें वो पॉजिटिव पाए गए, इसके बाद कोरोना वार्ड में उन्हें भर्ती करवा दिया गया और उनका इलाज शुरू किया गया।
अस्पताल प्रशासन ने रविवार को उनकी पत्नी और भाई को सूचना दी कि चुन्नू की मौत हो गई, मौत के बाद शव को हटाने की आपाधापी में अस्पताल प्रशासन ने मरीज के शव को सीलपैक करके चुन्नू के भाई मनोज कुमार को सौंप दिया और डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया।
प्रशासन की देखरेख में शव के अंतिम संस्कार के लिए उन्हें ले जाया गया, उस दौरान मृतक की पत्नी अपने पति के अंतिम दर्शन करने की जिद करने लगी, परिजनों के मुताबिक, जब अंतिम दर्शन करने के लिए शव पर से कपड़ा हटाया गया तो शव चुन्नू का नहीं बल्कि किसी और निकला, इसके बाद तो सभी हैरान रह गए।
इसके बाद पीएमसीएच हरकत में आया, पीएमसीएच में फिलहाल चुन्नू का इलाज चल रहा है, जिसकी पुष्टि अस्पताल प्रशसन और चुन्नू के परिजनों ने भी की। इधर जीवित कोरोना मरीज को मृत बताकर मौत का गलत सर्टिफिकेट देने के मामले में पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर आई. एस. ठाकुर ने इसे बड़ी गलती बताते हुए हेल्थ मैनेजर अंजली कुमारी को सस्पेंड कर दिया है।
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लखीमपुर में गन्ना किसानों का बकाया नहीं किया भुगतान, चीनी मिल के 4 अफसरों पर FIR,गन्ना विभाग और बजाज चीनी मिल के खिलाफ खोला मोर्चा
गन्ना विभाग के अधिकारियों और बजाज ग्रुप की चीनी मिल के प्रबंधन में हो रही लापरवाही के कारण किसान परेशान हैं. किसानों को अब तक पिछले वर्ष के गन्ने का ही भुगतान नहीं हो सका है. उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही प्रदेश के सभी जिलों गन्ना किसानों को शत प्रतिशत भुगतान का निर्देश दे चुके हैं. गौरतलब है कि गन्ने का करीब 700 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है, ऐसे में किसान भड़क गए हैं और बजाज चीनी मिल प्रंबधन और गन्ना विभाग के खिलाफ धरना-प्रर्दशन का मोर्चा खोल दिया है
गन्ना विभाग के अधिकारियों और बजाज ग्रुप की चीनी मिल के प्रबंधन में हो रही लापरवाही के कारण किसान परेशान हैं. किसानों को अब तक पिछले वर्ष के गन्ने का ही भुगतान नहीं हो सका है. उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही प्रदेश के सभी जिलों गन्ना किसानों को शत प्रतिशत भुगतान का निर्देश दे चुके हैं.
पिछले दिनों हुई लखीमपुर घटना और अब गन्ने के भुगतान में देरी से किसानों के बीच काफी रोष है. गौरतलब है कि गन्ने का करीब 700 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है, ऐसे में किसान भड़क गए हैं और बजाज चीनी मिल प्रंबधन और गन्ना विभाग के खिलाफ धरना-प्रर्दशन का मोर्चा खोल दिया है.
711 करोड़ रुपए हैं बकाया : दरअसल, लखीमपुर खीरी जिलें में ही बजाज ग्रुप की 3 गोला, पलिया और खंभारखेडा समेत 3 चीनी मिलें है. जिसमें बजाज की गोला चीनी मिल पर पिछले वर्ष का ही करीब 274 करोड़, पलिया चीनी मिल पर करीब 266 करोड़ और खंभारखेडा चीनी मिल पर करीब 171 करोड़ रुपए का यानी कुल 711 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य बकाया है. मौजूदा पेराई सत्र में भी गन्ना मूल्य के सैकड़ों करोड़ रूपए का अब तक भुगतान नही किया गया है. इस कारण इस क्षेत्र के गन्ना किसानों नें पिछले वर्ष के गन्ना बकाया का भुगतान न होने तक इन चीनी मिलों को इस वर्ष अपना गन्ना न देने का ऐलान कर दिया है. इसके अलावा बकाया भगुतान न हो जाने तक अपना गन्ना किसी दूसरी चीनी मिलो में भेज जाने की मांग को लेकर गन्ना विभाग के खिलाफ धरना-प्रर्दशन शुरू कर दिया है.
मजबूरी में कर रहे हैं प्रदर्शन
न्यूज 18 से बात करते हुए पलिया के बिजौरिया गांव के गन्ना किसान विक्की रूप राय बताते है कि ‘पलिया चीनी मिल पर सिर्फ हमारा ही पिछले वर्ष का 10 लाख रुपया बकाया है. हम लोगों की आर्थिक स्थित खराब हो गई है. क्योंकि हमें चीनी मिल तक अपना 50 क्विंटल गन्ना पहुंचाने के लिए भी हर बार करीब 1500 रुपए से अधिक खर्च करने पड़ते हैं. हम किसानों को कोई 1 रुपया भी उधार नही देता. हम लोग अब मजबूरन अपने बकाये पैसे के लिये धरना-प्रर्दशन कर रहे है. हम लोगों ने ये तय किया है
कि अब जब तक हमारा पिछले वर्ष का बकाया पैसा नही मिल जाता, तब तक हम इस चीनी मिल को अपना गन्ना नही देंगे. गन्ना विभाग और सरकार हमारी मदद कर हमारा गन्ना किसी दूसरी चीनी मिल में भेजे जाने की कृपा करे. वरना इस बार भी हमारे गन्ने का मूल्य ये चीनी मिल नही दे पाएगी और हम सभी किसान कर्ज में डूब जायेंगे.’
हांलाकि विधानसभा चुनाव से पहले लखीमपुर में एक बड़े स्तर पर गन्ना किसानों की नाराजगी को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने पलिया स्थित बजाज चीनी मिल के अधिकारियों पर FIR तो करवा दी है. लेकिन बकाया भुगतान कराने की कोई व्यवस्था नही हो पा रही है. लखीमपुर के जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश पटेल बताते है कि बजाज चीनी मिलों पर बकाये के बावजूद उन्हे गन्ना देने के अलावा किसानों के पास तत्काल कोई विकल्प मौजूद नहीं है.
क्योंकि लखीमपुर की सम्पूर्णानगर और बेलरायां जैसी सहकारी चीनी मिलों की हालत पहले ही खराब है. अन्य निजी चीनी मिलों के पास इतनी क्षमता नही है कि वे इन क्षेत्रो के किसानों के भी गन्ने की पेराई कर सके. इस कारण विरोध-प्रर्दशन करने वाले किसानों को समझाने की कोशिश की जा रही है.
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गोरखपुर: पीएम मोदी मंगलवार को देंगे 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात, नौ प्रयोगशालाओं के साथ ही कुछ और विकास कार्यों का लोकार्पण
गोरखनाथ मंदिर के सभागार में रविवार सुबह मीडिया कर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की रैली ऐतिहासिक होगी। प्रधानमंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश की पांच करोड़ जनता के सपनों को पूरा करने आ रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात दिसंबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता को 10 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे।
खाद कारखाना, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और क्षेत्रीय मेडिकल अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) की नौ प्रयोगशालाओं के साथ ही कुछ और विकास कार्यों का लोकार्पण पीएम करेंगे। गोरखनाथ मंदिर के सभागार में रविवार सुबह मीडिया कर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की रैली ऐतिहासिक होगी।
प्रधानमंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश की पांच करोड़ जनता के सपनों को पूरा करने आ रहे हैं। इससे रोजगार बढ़ेगा। विकास की रफ्तार तेज होगी। स्वास्थ्य सेवाएं विश्वस्तरीय हो जाएंगी। इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।बिहार और नेपाल की बड़ी आबादी को फायदामुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की तीनों परियोजनाओं से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार व नेपाल की बड़ी आबादी लाभान्वित होगी।
रोजगार की राह खुल जाएगी। सात दिसंबर पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूरे प्रदेश के विकास के दृष्टि से महत्वपूर्ण तिथि साबित होने जा रही है। इस दिन पीएम के ऐतिहासिक स्वागत के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता और अन्य संगठन उत्साहित हैं।
देश - दुनिया
भारत-रूस की दोस्ती को मिलेगा एक और बूस्ट, पुतिन के दिल्ली दौरे में होंगी बड़ी डील
राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच मज़बूत व्यक्तिगत संबंध हैं और ऐसे में दोनों नेताओं को प्रयास करने चाहिए कि अगर दोनों देशों के बीच कोई गतिरोध है तो वे इसे आपसी बातचीत से दूर करें.बीते कुछ सालों में दोनों नेताओं ने सार्वजनिक मंचों से एक-दूसरे के लिए तारीफ़ भरे अल्फ़ाज़ ही इस्तेमाल किये हैं.
अभी हाल ही में पीएम मोदी रूस की न्यूज़ एजेंसी टीएएसएस से बात कर रहे थे और उन्होंने न्यूज़ एजेंसी से कहा कि वह कैसे पुतिन के एक दोस्त की ख़ातिर आत्म-बलिदान देने के व्यवहार की इज़्जत करते हैं. उन्होंने यह भी ज़ोर देकर कहा कि दोनों नेताओं की दोस्ती बेहद सहज-सरल है और उनके बीच का संबंध बेहद स्वभाविक है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत दौरे पर आ रहे हैं। पुतिन के करीब छह घंटे के भारत दौरे में दोनों देशों के बीच कुल 10 समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। हालांकि, इन रणनीतिक जरूरतों के मद्देनजर इन समझौतों के बारे में अभी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ज्यादातर समझौते सामरिक महत्व के ही होंगे। आइए जानते हैं पुतिन के भारत दौरे की सभी बड़ी बातें…
1. भारत-रूस के बीच 21वां वार्षिक सम्मेलन : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 21वें वार्षिक भारत-रूस सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आ रहे हैं। उनके नेतृत्व में रूसी प्रतिनिधिमंडल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेगा। फिर राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच डिनर पर वन टु वन मीटिंग होगी।
2. दो साल बाद पुतिन-मोदी की वन टु वन मीटिंग : राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी 2019 के बाद पहली बार आमने-सामने बैठकर मीटिंग करेंगे। दोनों के बीच नवंबर 2019 में ब्रासीलिया में आयोजित ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन से इतर वन टु वन मीटिंग हुई थी।
3. संबंधों को नया आयाम देने पर होगी चर्चा: राष्ट्रपति पुतिन नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत-रूस संबंधों को नया आयाम देने की रणनीति पर विचार करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को और मजबूती प्रदान करने के विकल्पों समेत पारस्परिक हितों वाले बहुपक्षीय क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी गहन चर्चा करेंगे।
4. भारत-रूस के बीच 2+2 मीटिंग: उनसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मीटिंग है। यह मीटिंग सैन्य-तकनीकी सहयोग पर अंतरसरकारी आयोग के तहत होगी। भारत ने इस तरह 2+2 मीटिंग सिर्फ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ ही की है। वॉशिंगटन डीसी में फिर से ऐसी ही एक मीटिंग प्लान की जा रही है।
5. पुतिन के दौरे से भारत को क्या मिलेगा? : भारत और रूस के बीच 10 वर्षीय सैन्य-तकनीकी समझौता संभव है। इससे भारत को 2031 तक रूस से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण का रास्ता खुल जाएगा। भारत को इसका सीधा फायदा रक्षा उपकरणों को लेकर आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य हासिल करने में होगा। मसलन, रूसी तकनीक मिलने से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भविष्य की हथियार प्रणालियां विकसित कर पाएगा।
6. बढ़ेगा नौसैनिक समझौतों का सिलसिला : भारत और रूस की नौसेना के बीच भी एक मेमोरेंडम साइन हो सकता है। इसके तहत भारत और रूस की नौसेना के बीच सामान्य सहयोग के तहत युद्धाभ्यासों की संख्या बढ़ाएंगे और एक-दूसरे के साथ खुफिया जानकारियां साझा करने की दिशा में तेज प्रगति होगी।
ध्यान रहे कि रूस ने भारत को परमाणु पनडुब्बी लोन पर दे रखा है। 1980 के दशक में पहला आईएनएस चक्र देने के बाद रूस ने भारत को 2011 में अकुला-क्लास परमाणु पनडुब्बी लोन पर दिया था। दूसरी पनडुब्बी के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। वहीं, रूस ने भारत को तीसरी पनडुब्बी भी ऑफर की है।
7. सैन्य अड्डों के इस्तेमाल पर होगी बात : भारत और रूस रसद समझौते का पारस्परिक आदान-प्रदान ( Reciprocal Exchange of Logistics Agreement या RELOS) समझौते पर भी दस्तखत करेंगे। इससे दोनों देशों की नौसेना और वायुसेना एक-दूसरे के अड्डों का इस्तेमाल कर पाएंगी। भारत ने अमेरिका समेत कुछ अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते कर रखे हैं।
8. क्लाशनिकोव पर पहले ही हो चुका समझौता: भारत और रूस 5,200 करोड़ रुपये मूल्य के क्लाशनिकोव डील कर चुके हैं। इसी डील के तहत उत्तर प्रदेश के अमेठी में 6.01 लाख एके-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण होगा।
9. पुतिन के सहायक का बयान : राष्ट्रपति पुतिन के सहायक यूरी उषाकोव ने आज मीटिंग के बारे में रूसी मीडिया से कहा था कि भारत के साथ होने वाले करीब 10 समझौते काफी महत्वपूर्ण हैं और इनमें कुछ अर्ध-गोपनीय नेचर के हैं। पत्रकारों ने इन समझौतें के नाम जानने की इच्छा जताई तो उषाकोव ने बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने इतना जरूर कहा कि ये समझौते कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिहाज से काफी अहम हैं।
10. साझा बयान का रहेगा इंतजार : पुतिन के दौरे के अंत में दोनों देशों का एक साझा बयान जारी किया जाएगा। इसमे दोनों देशों के बीच हुई बातचीत और समझौतों का अंदाजा लग पाएगा।
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