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बंगाल के मंत्री सुब्रत मुखर्जी का निधन, मेरे लिए बड़ा झटका: ममता
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी का यहां एक सरकारी अस्पताल में हृदय संबंधी बीमारी के इलाज के दौरान गुरुवार को निधन हो गया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बात की जानकारी दी. बंगाल के पंचायत मंत्री मुखर्जी 75 वर्ष के थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी हैं. मुखर्जी के पास तीन और विभागों का प्रभार था.
राज्य के अन्य मंत्री फिरहाद हकीम ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की इस हफ्ते की शुरूआत में ‘एंजियोप्लास्टी’ हुई थी और दिल का दौरा पड़ने के बाद रात नौ बजकर 22 मिनट पर उनका निधन हो गया. मुख्यमंत्री अपने कालीघाट आवास पर काली पूजा कर रही थी, वह एसएसकेएम अस्पताल गईं और मुखर्जी का निधन हो जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि मैं यकीन नहीं कर सकती हूं कि वह अब हमारे साथ नहीं हैं. वह पार्टी के एक समर्पित नेता थे। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है.
बनर्जी ने बताया कि मुखर्जी के पार्थिव शरीर को सरकारी सभागार रबींद्र सदन ले जाया जाएगा, जहां शुक्रवार को यानी आज लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. उन्होंने बताया कि इसके बाद पार्थिव शरीर को बालीगंज ले जाया जाएगा और फिर उनके पैतृक आवास ले जाया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि मुखर्जी को 24 अक्टूबर को सांस लेने में परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मुखर्जी की एक नवंबर को ‘एंजियोप्लास्टी’ हुई थी और उनके दिल की धमनियों में दो स्टेंट डाले गए थे. वह मधुमेह, फेफड़े की बीमारी और वृद्धावस्था की अन्य बीमारियों से पीड़ित थे. नारद स्टिंग टेप मामले में गिरफ्तार होने और जेल भेजे जाने के बाद, कोलकाता के पूर्व मेयर को मई में इसी तरह की बीमारियों की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह जमानत पर जेल से बाहर थे.
उल्लेखनीय है कि 1970 के दशक में प्रधानमंत्री के तौर पर इंदिरा गांधी के दूसरे कार्यकाल के दौरान मुखर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के एक उदीयमान नेता थे. उन्होंने कांग्रेस के दो अन्य नेताओं, सोमेन मित्रा और प्रियरंजन दासमुंशी के साथ मिलकर तिकड़ी बनाई थी. मुखर्जी और मित्रा क्रमश: 2010 और 2008 में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए थे. मित्रा 2014 में अपनी पुरानी पार्टी में लौट गए, जबकि मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस में ही रहे. दासमुंशी का 2017 और मित्रा का 2020 में निधन हो गया.
बनर्जी ने कहा कि मैंने अपने जीवन में कई आपदाओं का सामना किया है लेकिन यह बहुत बड़ा झटका है. मुझे नहीं लगता कि सुब्रत दा जैसा कोई दूसरा व्यक्ति होगा जो इतना अच्छा और मेहनती होगा. पार्टी और उनका निर्वाचन क्षेत्र (बालीगंज) उनकी आत्मा थी। मैं सुब्रत दा का शव नहीं देख पाऊंगी. उन्होंने कहा कि गुरुवार शाम अस्पताल के प्राचार्य ने मुझे बताया कि सुब्रत दा ठीक हैं और वह शुक्रवार को घर वापस जा रहे हैं. चिकित्सकों ने पूरी कोशिश की.
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह पश्चिम बंगाल के लिए एक बड़ी क्षति है. ऐसा लगता है कि मैंने अपने बड़े भाई को खो दिया है. कुछ दिन पहले, मैं उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने अस्पताल गया था और उनसे बात की थी. यह भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है. पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने मुखर्जी के निधन को बंगाल की राजनीति के एक महान युग का अंत बताया. उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से बहुत दुखद है. वह सिद्धार्थ शंकर रे की सरकार में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थे. तब से लेकर आज तक वे एक लोकप्रिय नेता थे. उनकी आत्मा को शांति मिले.
माकपा के वरिष्ठ नेता एवं कोलकाता के पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि वह गुजरे जमाने के नेता थे. वह हमेशा एक मुस्कुराते हुए व्यक्ति और एक बुद्धिमान राजनीतिज्ञ रहे. हमारे कुछ मतभेद हो सकते हैं लेकिन मैं उन्हें बंगाल के अब तक के सबसे अच्छे नेताओं में से एक मानता हूं.
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20000 रुपये में शुरू करें इस पौधे की खेती, आराम से होगी 3.5 लाख की कमाई, जानिए कैसे?
अगर आप कोई बिजनेस शुरू करने की तैयारी में हैं तो हम आपको एक ऐसा बिजनेस आइडिया दे रहे हैं, जिसमें आप दिन भर में 4,000 रुपये तक आसानी से कमा सकते हैं.
इस बिजनेस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कोई अलग से ट्रेनिंग नहीं करना है. इसमें महीने भर में आराम से 1,20,000 रुपये कमा सकते हैं. यह बिजनेस कॉर्न फ्लेक्स का बिजनेस है. इस बिजनेस के जरिए आप महीने भर में लखपति बन सकते हैं.
करें कॉर्न फ्लेक्स का बिजनेस
मक्के के बारे में हम सभी जानते हैं. इसका इस्तेमाल ज्यादातर घरों में सुबह के नाश्ते में किया जाता है. यह हेल्थ के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है.
जानिए कितनी जगह की होगी जरूरत
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपके पास जमीन होनी चाहिए, जहां पर इसका प्लांट लगा सकें. इसके अलावा स्टोरेज के लिए भी जगह की जरूरत होती है. गोदाम की भी आपको जरूरत होगी. आपके पास कुल 2000 से 3000 स्क्वॉयर फिट जगह होनी चाहिए.
अगर इस बिजनेस के लिए जरूरी उपकरण की बात करें तो आपको मशीनों, बिजली की सुविधा, GST नंबर, कच्चे माल, स्पेस और स्टॉक रखने के लिए गोदाम की जरूरत होगी.
कहां करें बिजनेस
इस बिजनेस में इस्तेमाल होने वाली इन मशीनों का इस्तेमाल सिर्फ मक्के से बनने वाले Corn Flakes बनाने के लिए ही नहीं होता, बल्कि गेहूं और चावल के Flakes बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बिजनेस का सेटअप आप ऐसे इलाके में करें जहां मक्के की ज्यादा पैदावार होती हो. अगर हम किसी दूर जगह से मक्का लाकर के उनके Corn Flakes बनाएंगे तो वह बहुत ज्यादा महंगा होगा इसलिए हमें ऐसी जगह देखनी चाहिए जहां हम बढ़िया क्वालिटी का मक्का मिल जाए या खुद उपजा सकें.
कितना होगा मुनाफा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक किलो कॉर्न फ्लेक्स बनाने की लागत करीब 30 रुपये आती है और बाजार में 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आसानी से बिक जाता है. अगर आप 100 किलो कॉर्न फ्लेक्स का एक दिन में सेल करते हैं तो आपका प्रॉफिट करीब 4000 रुपये हो जाएगा.वहीं, अगर महीने का आंकड़ा निकाले तो आपकी 1,20,000 रुपये तक की कमाई होगी.
कितने रुपये का करना होगा निवेश
अगर पैसे लगाने की बात की जाए तो यह आप पर निर्भर करता है कि आप छोटे लेवल पर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या फिर बड़े लेवल पर, फिलहाल शुरुआत में इस बिजनेस के लिए कम से कम 5 से 8 लाख तक का निवेश करना होगा.
देश - दुनिया
लड़की के खुद के लिए चुना अंधा ब्वॉयफ्रेंड, फिर गिनाए फायदे ही फायदे !
यूं तो लड़कियां हमेशा ही चाहती हैं कि उनके ब्वॉयफ्रेंड गुड लुकिंग हों, लेकिन निया एस्पेरांज़ा नाम की महिला की सोच इस मामले में आम लड़कियों से बिल्कुल अलग है. वो इस वक्त एक अंधे शख्स को डेट कर रही हैं और उनका कहना है कि ब्लाइंड ब्वॉयफ्रेंड होने के तमाम फायदे हैं, जो सामान्य पार्टनर के साथ नहीं मिल सकते.
निया अपने ब्वॉयफ्रेंड की आंख नहीं होने के फायदे गिनाते हुए बताती हैं कि वो उनके लिए बिल्कुल परफेक्ट है क्योंकि जब भी वे उसकी फोटो खींच रही होती हैं, उसे पता भी नहीं चलता. Daily Star के मुताबिक निया बताती हैं कि उन्हें दूसरी लड़कियों की तरह ब्वॉयफ्रेंड को लेकर इनसिक्योर भी नहीं होना पड़ता. उनके ब्वॉयफ्रेंड को उनसे प्यार है, न कि उनके लुक्स से.
Blind Boyfriend होने के फायदे
महिला ने जो फायदे ब्लाइंड ब्वॉयफ्रेंड होने के बताए हैं, उसे 5 प्वाइंट्स में रखा है-
पहला फायदा महिला ये बताती है कि उसका ब्वॉयफ्रेंड किसी तरफ देखता नहीं है, ये उसके लिए सिक्योर रहने वाली बात है.
महिला को इस बात का फर्क नहीं पड़ता कि वो कैसी दिखती है. ऐसे में उसे ज्यादा बनने-संवरने की ज़रूरत नहीं रहती है.
ब्लाइंड ब्वॉयफ्रेंड होने की वजह से उसे अपने ब्वॉयफ्रेंड के लिए खरीदा गया कोई भी गिफ्ट छुपाना नहीं पड़ता.
इसके अलावा वो मज़ाकिया लहज़े में बताती हैं कि उसे कभी ये बात पता नहीं होती कि वो उसका वीडियो शूट कर रही हैं.
पांचवें फायदे के तौर पर वे कहती हैं कि उन्हें कभी भी बैकसीट ड्राइविंग नहीं करनी पड़ती है.
लोगों को पसंद नहीं आया सेंस ऑफ ह्यूमर
सोशल मीडिया पर लोगों को लड़की इस स्टोरी में दिलचस्प एंगल दिखा तो कुछ लोगों को उसका मज़ाकिया अंदाज़ बिल्कुल पसंद नहीं आया. एक यूज़र ने कहा कि उसकी गर्लफ्रेंड ब्लाइंड है और वो हमेशा उसे कुछ न कुछ सिखाती है. वहीं एक यूज़र ने निया के सेंस ऑफर ह्यूमर पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे उनका ह्यूमर सेंस खास पसंद नहीं आया. हालांकि ज्यादातर लोगों ने ये माना कि कमज़ोरी को नज़रअंदाज़ करके ज़िंदगी खुशी से जी जा सकती है.
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आखिर क्यों इतने ज्यादा कटकर मिलते हैं KBC में जीते रुपये
कौन बनेगा करोड़पति बेहद पॉपुलर टीवी शो है. पिछले दो दशकों से बड़ी संख्या में दर्शक केबीसी देख रहे हैं और मनोरंजन कर रहे हैं. केबीसी में कई लोगों ने लाखों-करोड़ों रुपये जीते लेकिन क्या आपको पता है कि कंटेस्टेंट जो भी रकम केबीसी में जीतते हैं उसका बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में काट लिया जाता है और लगभग एक तिहाई रुपये ही उन्हें मिलते हैं. इस खबर में जानिए केबीसी में जीती हुई रकम से टैक्स काटने का गणित क्या है?
इनकम टैक्स के इस सेक्शन के तहत कटते हैं पैसे
बता दें कि इनकम टैक्स के सेक्शन 194B के अनुसार, KBC कंटेस्टेंट को जीती हुई राशि का 30 फीसदी टैक्स चुकाना होता है. इसका मतलब है कि अगर कोई केबीसी (KBC) में 1 करोड़ रुपये जीतता है तो उसमें से सीधे-सीधे 30 लाख रुपये काट लिए जाते हैं. इसके अलावा सेस (Cess) भी देना होता है.
KBC विनर को चुकाने होते हैं ये टैक्स
चूंकि केबीसी में जीती हुई धनराशि स्पेशल इनकम होती है इसीलिए कोई बेसिक छूट भी नहीं मिलती है. अगर किसी ने ईनाम में 10 लाख रुपये से ज्यादा रुपये जीते हैं तो उस पर सरचार्ज भी लगता है. जीती हुई धनराशि पर 10 फीसदी सरचार्ज देना पड़ता है. इसके अलावा एजुकेशन सेस और हायर एजुकेशन सेस भी देना होता है. जीती हुई धनराशि से टैक्स काटना उसी ऑर्गनाइजेशन की जिम्मेदारी होती है जिससे शख्स ने ईनाम जीता होता है.
1 करोड़ का ईनाम जीतने पर मिलेंगे कितने रुपये?
अगर किसी ने केबीसी (KBC) में 1 करोड़ रुपये का ईनाम जीता है तो 30 फीसदी टैक्स कटेगा. इसके बाद 30 फीसदी टैक्स पर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा जोकि 30 लाख रुपये का 10 फीसदी 3 लाख रुपये होगा. इसके बाद 4 फीसदी सेस लगेगा तो 30 लाख रुपये का 4 फीसदी हो गया 1 लाख 20 हजार रुपये. यानी टैक्स हो गया 30 लाख रुपये, सरचार्ज 3 लाख और सेस 1 लाख 20 हजार रुपये. ये रकम जोड़कर हो गई 34 लाख 20 हजार रुपये. इसके अलावा एक-दो हिडेन चार्ज भी होते हैं. यानी केबीसी में अगर किसी ने 1 करोड़ रुपये जीते हैं तो उसको करीब 65 लाख रुपये ही मिलेंगे.
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