Lifestyle
करेला बिल्कुल भी नहीं लगेगा कड़वा, जानें इसे बनाने का तरीका
करेला सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इसके कड़वे स्वाद के चलते बहुत कम लोग ही इसे पसंद करते हैं। आपको बता दें कि इसमें काफी ज्यादा पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं। इसलिए लोगों को करेला खाने की आदत डालनी चाहिए। वहीं अगर आप इसके कड़वे स्वाद की वजह से करेले नहीं खाते हैं, तो आपको इसे बनाने की एक खास रेसिपी बताने जा रहे हैं। जिससे आपको करेला बिल्कुल भी कड़वा नहीं लगेगा और खाने में काफी टेस्टी लगेगा। तो आइए जानते हैं इसे बनाने का तरीका।
सामग्री
करेला- 6
जीरा- 2 छोटे चम्मच
प्याज- 1 (पतला कटा हुआ)
हल्दी पाउडर- 2 छोटे चम्मच
लाल मिर्च पाउडर- 1 बड़ा चम्मच
अमचूर पाउडर- 1 बड़ा चम्मच
धनिया पाउडर- 1 बड़ा चम्मच
नमक- स्वादानुसार
बेसन- 3 बड़ा चम्मच
तेल- आवश्यकतानुसार
विधी
– इसे बनाने के लिए आप सबसे पहले करेले को छीलकर इसके बीज अलग करके गोल आकार में काटें।
– अब इसमें नमक मिलाकर 2 घंटे तक मेरिनेट करें।
– तय समय के बाद इसे धोकर एक प्लेट में फैलाएं।
– इसे बनाने के लिए मसाला तैयार करने के लिए एक पैन में तेल गर्म करके उसमें जीरा भून लें।
– इसके बाद प्याज डालकर इसे हल्का भूरा होने तक पकाएं।
– फिर इसमें लाल मिर्च, हल्दी, नमक, और धनिया पाउडर डालकर 1 मिनट तक पका लें।
– इसके बाद 1 मिनट के बाद इसमें बेसन डालकर इसे चलाते हुए 10- 12 मिनट के लिए इसे पकाएं।
– तैयार मिक्सचर में करेला डालकर 10 मिनट तक पकाएं।
– अब इसमें अमचूर पाउडर मिलाकर गैस बंद कर दें।
– आपका करेले बन कर तैयार है। इसे आप दाल और गर्म गर्म रोटी के साथ सर्व करें।
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गर्मी का कहर बढ़ते ही लोगो के सेहत में पड़ने लगा असर, बड़ने लगे डिहाइड्रेशन के मरीज….
गर्मी का पारा बढ़ा तो उल्टी, दस्त के साथ डिहाइड्रेशन के मरीज बढ़ने लगे। बच्चे ज्यादा चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टर अपनी भाषा में इसे इंफेक्टिव डायरिया कहते हैं। पिछले 10 दिनों में सिम्स, जिला अस्पताल सहित सभी सरकारी और निजी अस्पताल में 8500 बच्चे उल्टी, दस्त की चपेट में आने के बाद इलाज के लिए पहुंचे। 25% यानी 2100 से ज्यादा बच्चों की हालत नाजुक हो गई थी, जिनका भर्ती कर डॉक्टरों ने इलाज किया। अधिकांश ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए। लेकिन अभी भी 450 से ज्यादा बच्चे अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं।
जिनका इलाज चल रहा है। बड़ों की बात करें पिछले 10 दिनों से रोज औसत 350 लोग उल्टी-दस्त और डिहाइड्रेशन से परेशान होकर अलग-अलग अस्पतालों की ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे। मरीजों में 65% बुजुर्ग हैं, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है। अच्छी बात यह है कि 97% मरीज दवाइयों से ही ठीक हो गए।
सिर्फ 3 प्रतिशत मरीजों की हालत गंभीर हुई जिनका भर्ती कर इलाज किया गया। राहत की बात है अभी तक गर्मी के कारण उल्टी-दस्त से किसी की कैजुअल्टी नहीं हुई। डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी के कारण लोग उल्टी-दस्त से बीमार हो रहे हैं, लेकिन दवाइयों से ठीक भी हो रहे हैं। बच्चों को ठीक होने में पांच दिन लग रहे हैं तो बड़े तीन दिन में ठीक हो रहे हैं। गर्मी से बचाव करें ताकि आप बीमार न पड़ें।
10-15 दिनों तक ऐसी परेशानी रहेगी
उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारा शरीर अभी तापमान को नहीं सहन कर पा रहा है। दूसरा इस मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से लोगों को बीमार करते हैं। अभी 10 से 15 दिन लोगों को परेशानी होगी। इसके बाद इस मौसम में हम ढलने लगेंगे।
घर पर ही जिंक और ओआरएस लें
पहले बच्चों को उल्टी-बुखार होता है। फिर 12 से 24 घंटे बाद पतले दस्त होने लगते हैं। चूंकि उल्टी, दस्त और बुखार तीनों परेशानी होती है इसलिए शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसे इंफेक्टिव डायरिया और डिहाइड्रेशन कहते हैं। जिनकी हालत गंभीर नहीं हैं वो ओआरएस का घाेल और जिंक दवा घर पर बिना किसी की सलाह के ले सकते हैं। अगर हालत ज्यादा बिगड़ी है तो डॉक्टर से संपर्क करें। अभी मरीजों को ठीक होने में पांच दिन लग रहे हैं।
-डॉ.अशोक अग्रवाल, शिशु रोग विशेषज्ञ
गर्मी में बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं
गर्मी में पानी भी प्रदूषित हो जाता है। खाना भी जल्दी खराब हो जाता है। इस स्थिति में हमारे शरीर में जब बैक्टीरिया प्रवेश करता है तो पहले उल्टी होती है, इसके बाद पेट दर्द और फिर पतले दस्त होने लगते हैं। कच्चा खाना हमारे लिए हानिकारक है। लोग सोचते हैं कि जूस गर्मी में काफी लाभदायक होता है लेकिन जूस कच्चा होता है इसलिए वह नुकसानदायक होता है। घबराने की बात नहीं है बच्चा अगर सुस्त हो रहा है और 6 घंटे ते पेशाब नहीं हुई तो उसे डॉक्टर को जरूर दिखाएं। बचाव के लिए ओआरएम का घोल पीते रहें।
डॉ.सुशील कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ
ग्लूकोज और ओआरएस की खपत बढ़ी
गर्मी से बचाव के लिए लोगों ने ग्लूकोज और ओआरएस का उपयोग शुरू कर दिया है। ग्लूकोज और ओआरएस सहित सभी एनर्जी ड्रिंक की खपत तीन गुना बढ़ गई है। जिला औषधि विक्रेता संघ के पीआरओ हीरानंद जयसिंह का कहना है कि सामान्य दिनों में रोज 100 से 50 डिब्बे अलग-अलग ब्रांड के ग्लूकोज और ओआरएस बिकते थे लेकिन अब 400 से 450 डिब्बे रोज बिक रहे हैं।
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पेट की समस्या है परेसान?तो जानें वजह,ये रही छुटकारा पाने का उपाय..
पेट में गैस यानी एसिडिटी होना आजकल लोगों के लिए आम समस्या बन गई है. आज हम आपको इस समस्या की वजह और इससे छुटकारा पाने का उपाय बताते हैं.खराब लाइफ स्टाइल और खान-पान में गड़बड़ी की वजह से पेट में गैस यानी एसिडिटी होना आजकल लोगों के लिए आम समस्या बन गई है. इससे निपटने के लिए लोग कई तरह की दवा खाते और परहेज करते हैं. फिर भी उन्हें आराम नहीं मिल पाता. आज हम इस समस्या की वजह और उपाय दोनों बताते हैं.
पेट में गैस बनने की वजह
जब भी आप कोई खाना या पानी का सेवन करते हैं तो कुछ मात्रा में हवा भी आपके शरीर में प्रवेश कर जाती है. जब पाचन तंत्र आपकी ओर से खाए हुए खाने को पचाता है तो गैस बनती हैं. यह हवा आपके पेट के आसपास प्रेशर डालती है, जिससे आपको गैस और डकार आती हैं. एक सामान्य व्यक्ति के पेट में रोजाना 2 गिलास जितनी गैस बनना सामान्य बात है. हालांकि अगर आपके पेट में इससे ज्यादा गैस बनने लगे तो यह चिंता की बात होती है. यह पेट के कैंसर का एक संकेत भी हो सकता है.
गुनगुना पानी पीने से राहत
अगर आपको एसिडिटी की ज्यादा समस्या हो रही है तो गुनगुना पानी या हर्बल टी पीने से भी आपको इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है. अदरक और पुदीने का पानी काफी काम आ सकता है. सौंफ और सेब का सिरका भी एसिडिटी से राहत दिलाने में मददगार माना जाता है.
एसिडिटी से ऐसे पाएं राहत
पेट की गैस या एसिडिटी की समस्या से राहत पाने के लिए चाय और दूध से बनी चीजों के सेवन, कोल्ड ड्रिंक्स को पीने से बचें. प्याज, आलू, पालक या ऐसी दूसरी चीजें भी न खाएं, जिससे पेट में ज्यादा गैस बनती है. खाना खाते समय बातें करने से बचें, जिससे शरीर में हवा को जाने से रोका जा सके. जंक फूड और तेज मसाले से बनी चीजें एसिडिटी का बड़ा कारण बनती हैं. इसलिए इन्हें खाने से भी परहेज करना चाहिए.
सुस्त हो जाता है इंसान
जब पेट में गैस बनती है और वह पास नहीं हो पाती तो पेट में दर्द और ऐंठन होने लगती है. इसके चलते इंसान सुस्त हो जाता है और वह नॉर्मल नहीं रह पाता. उसे अपना पेट फूला हुआ लगता है. जिसके चलते वह सहज नहीं रह पाता और परेशान हो जाता है. ऐसे में जितना जल्दी हो सके, एसिडिटी से निजात पा लेना जरूरी हो जाता है.
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White Hair Causes : इन 5 कारणों से पकते है कम उम्र में बाल,जानें छुटकारा पाने का तरीका..
White Hair Causes: आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फूड हैबिट्स की वजह से कम उम्र में ही बाल सफेद हो रहे हैं, आखिर इस परेशानी से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है. बढ़ती उम्र के साथ बालों में सफेदी आना आम बात है. लेकिन परेशानी तब होती है, जब आपके बाल कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से कुछ को रोका जा सकता है. आइए जानते हैं कि ऐसी परेशानी को कैसे दूर किया जा सकता है.
कम उम्र में बाल क्यों होते हैं सफेद?
जब बालों का पिग्मेंटेशन कम होने लगता है, तो उनका रंग काले से सफेद होने लगता है. कम उम्र या बच्चों के बाल सफेद होने के पीछे 5 कारण हो सकते हैं.
1. जेनेटिक्स
कम उम्र में बाल सफेद होने का कारण जेनेटिक्स हो सकता है. इस व्हाइट हेयर प्रॉब्लम का कोई स्थाई इलाज नहीं है. क्योंकि, यह आपके जीन्स से जुड़ी होती है. अगर आपके माता-पिता या परिवार में किसी को यह परेशानी बचपन में हुई है, तो आपको भी कम उम्र में ही सफेद बाल देखने को मिल सकते हैं.
2. टेंशन
जिंदगी में हर किसी को टेंशन का सामना करना पड़ सकता है. जब ये तनाव जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो नींद न आने, चिंता, भूख में बदलाव, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. वहीं एक रिसर्च बताती है कि तनाव बालों की जड़ों में मौजूद स्टेम सेल्स को कमजोर बनाने लगता है, जिससे बाल सफेद होने लगते हैं.
3. ऑटोइम्यून डिजीज
कम उम्र में बाल सफेद होने की वजह ऑटोइम्यून डिजीज भी हो सकती है. बाल सफेद होने का कारण बनने वाली ऑटोइम्यून डिजीज के नाम एलोपेसिया या विटिलिगो हैं. इन बीमारियों में इम्यून सिस्टम अपनी ही सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगता है और प्रीमैच्योर व्हाइट हेयर हो जाते हैं.
4. विटामिन बी-12 की कमी
कम उम्र में सफेद बाल होने का कारण विटामिन की कमी भी हो सकती है. जब शरीर में विटामिन बी-12 की कमी हो जाती है, तो बाल पकने लगते हैं. यह विटामिन एनर्जी देने, हेयर ग्रोथ और बालों के रंग को कंट्रोल करता है.
5. धूम्रपान
कई रिसर्च बताती हैं कि धूम्रपान करने के कारण भी आपके बाल उम्र से पहले सफेद हो सकते हैं. क्योंकि, धूम्रपान करने से नसें सिकुड़ जाती हैं और उनमें ब्लड फ्लो कम हो जाता है. जिससे बालों की जड़ों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता और वो सफेद होने लगते हैं.अगर आपके बाल कम उम्र में ही पक गए हैं, तो आप उसका जल्द ही उपाय करें. क्योंकि, सफेद बाल होने के ज्यादातर कारणों को रोका जा सकता है. डॉक्टर सफेद बालों के पीछे की वजह को जानकर उसका इलाज कर सकते हैं, जिससे बालों का पिग्मेंटेशन वापिस लौट आएगा और वो काले हो जाएंगे. अगर आपके शरीर में विटामिन बी-12 की कमी है, तो आप इसके सप्लीमेंट्स ले सकते हैं. वहीं बाल सफेद होने से रोकने के लिए धूम्रपान छोड़ना जरूरी है.
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