मध्यप्रदेश
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मध्य प्रदेश : टीकाकरण प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही ,विधानसभा परिसर में मिलेगा प्रवेश
बीस दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही विधानसभा परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। विधायक विश्राम गृह और विधानसभा परिसर के सभी प्रवेश द्वार पर कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की व्यवस्था रखी जाएगी।
कोरोना संक्रमण से बचाव निर्देश दिए
यह बात विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने सत्र की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कही। साथ ही निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी इंतजाम किए जाएं।बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विधानसभा परिसर में प्रवेश के सभी द्वारों पर तापमान और आक्सीजन का स्तर जांचने की व्यवस्था रखी जाए।
परिसर में प्रवेश भी सीमित,परिसर को सेनिटाइज करने, साफ-सफाई के साथ सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद
कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए परिसर में प्रवेश भी सीमित किया जाए। परिसर को सेनिटाइज करने, साफ-सफाई के साथ सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रखी जाए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा गया कि वे कोरोना संक्रमण की जांच के लिए टीम तैनात करें। बैठक में राजधानी परियोजना प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।
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देश में पहली बार संयंत्र लगाकर बड़े स्तर गीले कचरे से बायो सीएनजी बनाने का काम शुरू, कमाई का आधार, कचराघर बन रहा ऊर्जा का भंडार
स्वच्छता के नवाचार अब मध्य प्रदेश के इंदौर नगर निगम के संस्कारों में ढलते जा रहे हैं। देश में पहली बार संयंत्र लगाकर बड़े स्तर पर यहां गीले कचरे से बायो सीएनजी बनाने का काम शुरू हुआ है। परिणामस्वरूप, यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड में पसरा कचरा ऊर्जा भंडार बन चुका है। योजना प्रतिदिन 500 टन गीले कचरे से 18 हजार किलो गैस बनाने की है।
फिलहाल, ट्रेंचिंग ग्राउंड में गैस तैयार करने का प्रथम चरण शुरू है। बायो सीएनजी संयंत्र के डाइजेस्टर में गोबर व गीला कचरा डालकर कल्चर तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। दिसंबर के अंत तक कल्चर तैयार होगा।वर्तमान में शहर में कबीटखेड़ी और चोइथराम मंडी में संचालित संयंत्रों से भी कल्चर लाकर यहां मिलाया गया है। इसके बाद इसमें प्रतिदिन 10 से 15 टन गीला कचरा मिलाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
जनवरी के अंत तक शुद्ध बायो सीएनजी तैयार होने लगेगी, जो वाहनों के काम आएगी। संयंत्र में तैयार गैसों से शहर में 400 सीएनजी बसों के संचालन की तैयारी है, जो अगले दो महीने में यहां आएंगी। नगर निगम के कार्यपालन यंत्री अनूप गोयल का दावा है कि बसों के आने के पहले संयंत्र में गैस तैयार होने लगेगी।संयंत्र में तैयार होने वाली 50 प्रतिशत गैस का उपयोग सिटी बसों को चलाने में होगा। शेष गैस अवंतिका गैस एजेंसी को दी जाएगी, जो अन्य वाहनों को इसे उपलब्ध कराएगी।
बचे अपशिष्ट से खाद बनाई जाएगी। बता दें कि वर्तमान में प्रतिदिन चोइथराम मंडी के संयंत्र में 20 टन व कबीटखेड़ी में 15 टन गीले कचरे से क्रमश: 600 व 350 किलो गैस तैयार हो रही है। 80 फीसद गैस से प्रतिदिन करीब आठ सिटी बसों का संचालन हो रहा है। शेष गैस आटो रिक्शा व अन्य वाहन को दी जाती है।
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