देश - दुनिया
LADLI LAXMI YOJANA: बेटी के जन्म से लेकर के कॉलेज के पढाई तक का खर्चा उठायेगी सरकार, यह जाने आवेदन करने का पूरा प्रोसेस…
Ladli Laxmi Yojana: आज हम आपको मध्यप्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। इस स्कीम का नाम लाडली लक्ष्मी योजना है। इस स्कीम की शुरुआत मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2007 में की थी। योजना का उद्देश्य बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करना है। इस स्कीम के जरिए सरकार राज्य में लड़कियों की शिक्षा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना चाहती है। लाडली लक्ष्मी योजना के तहत सरकार एक ऐसी आधारशिला रखना चाहती है, जिसके जरिए बेटियां अपने भविष्य को उज्ज्वल कर सकें। इसके अलावा समय की जरूरत को समझते हुए हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 की शुरुआत की है, जिसके जरिए सरकार बेटियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना चाहती है। इसी कड़ी में आज हम आपको मध्य प्रदेश सरकार की लाडली लक्ष्मी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं।
आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में विस्तार से –
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत बेटी के जन्म के बाद लगातार उसके पहले पांच सालों तक 6-6 हजार रुपये सरकार द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना की निधि में जमा किए जाते हैं। इसके बाद बेटी जब कक्षा 6 में पहुंचती है। उस दौरान बेटी को 2 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
वहीं कक्षा 9 में प्रवेश लेने पर बेटियों को 4 हजार, कक्षा 11वीं में 6 हजार, कक्षा 12वीं में 6 हजार रुपये मिलते हैं। वहीं बेटी की आयु जब 21 वर्ष की हो जाती है। उस दौरान सरकार उसको 1 लाख रुपये का अंतिम भुगतान करती है।
इस योजना में आवेदन करने से पहले आपको पात्रता से जुड़ी जानकारी के बारे में पता होना जरूरी है। योजना में आवेदिका के माता पिता आयकरदाता नहीं होने चाहिए। इस योजना का लाभ केवल मध्य प्रदेश की बेटियां ही उठा सकती हैं। इस स्कीम में आवेदन करते समय आपके पास आधार कार्ड, बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, माता पिता का पहचान पत्र, बैंक अकाउंट पासबुक, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड आदि दस्तावेजों की जरूरत होगी।
देश - दुनिया
महंगाई और बेरोजगारी के ख़िलाप कांग्रेस करेगा 28 अगस्त को रैली का आयोजन…
कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के मकसद से आगामी 28 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली का आयोजन करेगी. इस रैली से पहले 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों की मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर ‘महंगाई चौपाल’ आयोजित की जाएगी.कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के मकसद से आगामी 28 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली का आयोजन करेगी. कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश के अनुसार इस रैली से पहले 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों की मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर ‘महंगाई चौपाल’ आयोजित की जाएगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बीते 5 अगस्त को मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया, जिसके साथ लोगों ने खुद को जोड़ा. प्रधानमंत्री ने हताशा में आकर इसे ‘काला जादू’ बताने का प्रयास किया जो इस बात को दर्शाता है कि भाजपा सरकार आसमान छूती महंगाई और बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है.
जयराम रमेश के अनुसार, कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को आने वाले हफ्तों में और तेज करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर ‘महंगाई चौपाल’ आयोजित करेगी. इसका समापन 28 अगस्त को रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली के साथ होगा. इस रैली को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे.कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रामलीला मैदान की रैली को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि इस रैली से इतर प्रदेश कांग्रेस कमेटियां राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर ‘महंगाई पर हल्ला बोल- चलो दिल्ली’ कार्यक्रम का आयोजन करेगी. उन्होंने दावा किया है कि ‘भारत के लोग मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का खामियाजा भुगत रहे हैं. दही, छाछ, पैक की गई खाद्य वस्तुएं जैसे आवश्यक सामानों पर अत्यधिक करों के कारण महंगाई बढ़ रही है.’उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन जनविरोधी नीतियों पर लोगों में जागरूकता फैलाती रहेगी और भाजपा सरकार पर उसकी गलत नीतियों को बदलने के लिए दबाव बढ़ाएगी।
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चीन में मिला कोरोना के 828 नए मामलें,वहीं तिब्बत 22 मरीज मिले से हड़कंप
चीन ने मंगलवार को कोरोना के 828 नए मामलों की घोषणा की, जिनमें से 22 तिब्बत में हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखा. चीन असिम्पटोमैटिक मरीजों के कारण ही जीरो टॉलरेंस नीति को आगे लेकर बढ़ रहा है.कोरोना पर नो टॉलरेंस नीति को लेकर चल रहे चीन ने तिब्बत में संक्रमण का मामला आने के बाद प्रसिद्ध पोटाला पैलेस को बंद कर दिया है. चीन की नो टॉलरेंस नीति के तहत लॉकडाउन, नियमित परीक्षण, और कड़े यात्रा प्रतिबंधों को अनिवार्य किया जाता है. पैलेस के अनुसार, परिसर जो तिब्बत के बौद्ध नेताओं का पारंपरिक घर है उसे मंगलवार से बंद कर दिया जाएगा।
कोरोना के मामले ख़त्म होने के बाद ही अब पैलेस के फिर से खुलने की संभावना है.इन प्रतिबंधों से तिब्बत के पर्यटन को भी भारी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. तिब्बत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पोटाला पैलेस के कारण मिलने वाले पर्यटन पर निर्भर करती है. ऐसे में कड़े प्रतिबंध लोगों के लिए काफी कष्टकारी होने वाले हैं.चीन का कहना है कि उसकी कठोर नीति बड़े पैमाने पर अस्पताल में भर्ती होने और मौतों को रोकने में सफल रही है. ऐसे में चीन फिलहाल इस नीति को वापस लेने के मूड में तो नहीं दिख रहा है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नीति की आलोचना करते हुए इसे लोगों की मूलभूत जरूरतों के विरुद्ध बताया है।
WHO के अनुसार वायरस के रोज बदलते स्वरूप के आगे ऐसी नीतियां बौनी साबित होती हैं.चीन ने मंगलवार को कोरोना के 828 नए मामलों की घोषणा की, जिनमें से 22 तिब्बत में हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखा. चीन असिम्पटोमैटिक मरीजों के कारण ही जीरो टॉलरेंस नीति को आगे लेकर बढ़ रहा है. ऐसा करके चीन अपनी अर्थव्यवस्था को तो नुकसान भले ही पहुंचा रहा हो लेकिन इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में सहायता मिलती है.कोरोना पर नो टॉलरेंस नीति को लेकर चल रहे चीन ने तिब्बत में संक्रमण का मामला आने के बाद प्रसिद्ध पोटाला पैलेस को बंद कर दिया है. चीन की नो टॉलरेंस नीति के तहत लॉकडाउन, नियमित परीक्षण,और कड़े यात्रा प्रतिबंधों को अनिवार्य किया जाता है. पैलेस के अनुसार, परिसर जो तिब्बत के बौद्ध नेताओं का पारंपरिक घर है उसे मंगलवार से बंद कर दिया जाएगा. कोरोना के मामले ख़त्म होने के बाद ही अब पैलेस के फिर से खुलने की संभावना है.इन प्रतिबंधों से तिब्बत के पर्यटन को भी भारी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. तिब्बत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पोटाला पैलेस के कारण मिलने वाले पर्यटन पर निर्भर करती है. ऐसे में कड़े प्रतिबंध लोगों के लिए काफी कष्टकारी होने वाले हैं।
नो टॉलरेंस नीति को बताया जरूरी
चीन का कहना है कि उसकी कठोर नीति बड़े पैमाने पर अस्पताल में भर्ती होने और मौतों को रोकने में सफल रही है. ऐसे में चीन फिलहाल इस नीति को वापस लेने के मूड में तो नहीं दिख रहा है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नीति की आलोचना करते हुए इसे लोगों की मूलभूत जरूरतों के विरुद्ध बताया है. WHO के अनुसार वायरस के रोज बदलते स्वरूप के आगे ऐसी नीतियां बौनी साबित होती हैं।
तिब्बत में 22 नए मामले
चीन ने मंगलवार को कोरोना के 828 नए मामलों की घोषणा की, जिनमें से 22 तिब्बत में हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखा. चीन असिम्पटोमैटिक मरीजों के कारण ही जीरो टॉलरेंस नीति को आगे लेकर बढ़ रहा है. ऐसा करके चीन अपनी अर्थव्यवस्था को तो नुकसान भले ही पहुंचा रहा हो लेकिन इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में सहायता मिलती है।
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राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का दूसरा केस आया सामने,लगातार बढ़ रहा है ख़तरा
देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का दूसरा मरीज मिला है. दिल्ली में रहने वाला 35 साल का नाइजीरियाई शख्स मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित पाया गया है.दिल्ली में सोमवार को मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है. दिल्ली में रहने वाला 35 साल का नाइजीरियाई शख्स मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक मरीज का हाल में यात्रा का कोई इतिहास भी नहीं रहा है. इसके साथ ही देश में Monkeypox संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर छह पहुंच गया है.रविवार और सोमवार को भी अफ्रीकी मूल के संदिग्ध अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए हैं, जिनकी रिपोर्ट आना बाकी अभी है. संदिग्धों को बुखार और त्वचा संबंधी दिक्कत है. यह मरीज पिछले एक साल से दिल्ली में रह रहे हैं. नाइजीरियाई नागरिक को इलाज के लिए दिल्ली सरकार द्वारा संचालित नोडल अस्पताल एलएनजेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. संक्रमित व्यक्ति को पिछले पांच दिनों से छाले और बुखार है. यह दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया दूसरा व्यक्ति है.अभी तक कुल चार संक्रमित केसभारत में केरल से 13 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद अभी तक कुल 6 संक्रमित सामने आ चुके हैं. दुनिया भर में मंकीपॉक्स का कहर बढ़ता जा रहा है. अफ्रीका से निकलकर मंकीपॉक्स का संक्रमण बीते कुछ दिनों में ही 75 से अधिक देशों में पहुंच गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते दिनों 20 हजार से अधिक लोगों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि की थी।
केरल में 22 साल के व्यक्ति की मौत
केरल में त्रिशूर के एक निजी अस्पताल में 22 वर्षीय व्यक्ति की कथित तौर पर मंकीपॉक्स के कारण मौत हो गई थी. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा कि 22 वर्षीय युवक की मौत के कारणों की जांच करेंगे, जो हाल में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से लौटा था और एक दिन पहले कथित रूप से मंकीपॉक्स के कारण उसकी मौत हो गई थी।
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