संजय राउत ने कहा शिवसेना जब चाहे बहुमत जुटाकर सरकार बना सकती है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के परिणाम आने के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच सरकार बनाने को लेकर खींचतान खत्म नहीं हो रही है. राज्यसभा सांसद और शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने अपने ताजा बयान में कहा है कि शिवसेना जब चाहे सरकार बना सकती है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद का मुद्दा एक बार फिर उठाया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता चाहती है कि सीएम शिवसेना से हो. यह कह कर संजय राउत ने यह साफ जाहिर कर दिया कि आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने के मुद्दे पर अभी भी शिवसेना अडिग है.
स्थिर सरकार बनाने में सक्षम
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार संजय राउत ने कहा कि यदि शिवसेना यह निर्णय ले ले कि सरकार बनानी है तो वो सूबे में स्थिर सरकार बना सकती है. महाराष्ट्र के लोगों का जनादेश इसी आधार पर आया है कि 50-50 के फॉर्मूले पर सरकार का गठन किया जाए. जब जनता तक यह बात पहुंची कि मंत्रिमंडल के लिए 50-50 का फॉर्मूला है, तब उन्होंने यह जनादेश दिया. उन्होंने कहा कि सूबे के लोग यह चाहते हैं कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से हो.
सरकार गठन को लेकर अभी भी खींचतान जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नतीजों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को 15 निर्दलीय विधायक समर्थन दे सकते हैं. जिससे उसका आंकड़ा 105 से बढ़कर 120 विधायकों तक पहुंच सकता है. माना जा रहा है कि शिवसेना के सपोर्ट ना करने की स्थिति में अगर एनसीपी सदन से वॉक आउट करती है तो विधानसभा की संख्या घटकर 234 हो जाएगी. ऐसे में बीजेपी को बहुमत के लिए महज 118 सदस्य चाहिए. इसके बाद यदि शिवसेना बीजेपी के साथ आती है तो उसकी बारगेनिंग क्षमता कम हो जाएगी.
एकनाथ शिंदे बनाए गए विधायक दल के नेता
बता दें कि गुरूवार सुबह मुंबई में शिवसेना विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे को नेता चुना गया. शिंदे के नाम का प्रस्ताव शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और वर्ली से विधानसभा चुनाव जीते आदित्य ठाकरे ने रखा. इससे पहले चर्चा थी कि विधायक दल के नेता के लिए आदित्य ठाकरे का नाम प्रस्तावित किया जाएगा, लेकिन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए खुद आदित्य ने एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा. वहीं बुधवार को बीजेपी विधायक दल की हुई बैठक में देवेंद्र फडणवीस को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया था.
जॉब
बिजली विभाग में निकली ग्रेजुएट पास के लिए बंपर भर्ती,जाने आवेदन की तिथि और शैक्षणिक योग्यता…
UPPCL Recruitment 2022: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, UPPCL ने ग्रुप सी पदों पर भर्ती निकाली है. जिसके तहत शिविर सहायक ग्रेड 3 एवं असिस्टेंट इंजीनियर पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए हैं. पदों के लिए इच्छुक एवं पात्र उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट upenergy.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं.पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया 25 मई से शुरू हो चुकी है एवं उम्मीदवार 15 जून 2022 इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. हालांकि असिस्टेंट इंजीनियर पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया 24 मई से 14 जून 2022 तक चलेगी.
योग्यता
शिविर सहायक पदों के लिए ग्रेजुएशन पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. साथ ही हिंदी टाइपिंग की योग्यता भी मांगी गई है. वहीं सिविल इंजीनियर पदों के लिए सिविल इंजीनियरिंग डिग्री धारक उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र हैं।
आयु सीमा
शिविर सहायक पदों के लिए 1 जनवरी 2022 को 21 से 40 वर्ष तक के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. वही असिस्टेंट इंजीनियर पदों के लिए भी यही आयु सीमा निर्धारित की गई है. हालांकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को इसमें छूट दी जाएगी।
डायरेक्ट लिंकशिविर सहायक पद के लिए इच्छुक उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक से नोटिफिकेशन देख सकते हैं एवं डायरेक्ट आवेदन कर सकते हैं.वहीं सिविल इंजीनियर पदों के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के लिए नोटिफिकेशन एवं आवेदन की लिंक नीचे साझा की गई है.
ज्योतिष
Vastu Tips: घर की दीवारों पर इस दिशा में लगाये घड़ी, वरना हो सकती है ये बड़ी परेशानी…
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में लगी हर चीज को रखने और लगाने के अपने कुछ नियम और कायदे होते हैं। अगर इन बातों को ध्यान में रखकर घर में किसी भी चीज का इस्तेमाल किया जाए, तो इसके शुभ और फलदायी लाभ होते हैं और घर में सकारात्मकता आती है। इसी तरह घर की दीवारों पर घड़ी लगाने को लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं।
हम सभी के घरों में घड़ी लगी होती है। घरों में अक्सर हम घड़ी को उस जगह पर लगाते हैं जहां से हम आसानी से उसे देख सकते हैं। लेकिन ऐसा करते वक्त हम घड़ी की दिशा का थोड़ा भी ध्यान नहीं रखते। दरअसल वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर में सुख, शांति और समृद्धि के लिए सही दिशा में घड़ी का होना जरूरी है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक गलत दिशा में लगी घड़ी सेहत खराब करने के साथ ही नेगेटिव एनर्जी भी लाती है। इसका घर के लोगों स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।
घर की दीवार पर लगी घड़ी सिर्फ समय बताने का कार्य ही नहीं करती बल्कि कई शुभ और अशुभ संकेत भी देती है. वास्तु नियमों के अनुसार अगर घड़ी का गलत तरह से इस्तेमाल किया जाए, तो ये नुकसान का कारण भी बन जाती है. जीवन पर घड़ी का प्रभाव पड़ता है. घर में रुकी हुई घड़ी नकारात्मकता तो फैलाती ही है. साथ ही, घर भी घड़ी की तरह निर्जीव हो जाता है।
आज हम आपको घर की दिवारों पर घड़ी लगाने को लेकर वास्तु शास्त्र के नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर में किस दिशा में और कैसे घड़ी लगी होनी चाहिए जिससे घर में साकारात्मकता का वास हो और सुख, शांति के साथ-साथ समृद्धि भी आए…
दीवारों पर इस दिशा में लगाएं घड़ी
– घर में खुशहाली और तरक्की चाहिए तो पूर्व दिशा में घड़ी लगाएं। इस दिशा में लगी घड़ी बेहद शुभ मानी जाती है- वास्तु के हिसाब से घर में घड़ी का दक्षिण दिशा में लगा होना शुभ नहीं होता है। इससे से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।
– कभी भी भूलकर भी घर में घड़ी को दक्षिण दिशा में ना लगाएं। इस दिशा में लगी घड़ी स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने के साथ ही पैसों की किल्लत भी लाती है।
– वास्तु के अनुसार घर के मेन गेट पर घड़ी नहीं लगानी चाहिए। इस जगह पर लगी घड़ी नकारात्मक ऊर्जा लाती है, जिससे घर में रहने वाले लोगों की खुशियों को बुरी नजर लगती है।
– घर में खुशहाली और सुख समृद्धी बनाएं रखने के लिए पेंडूलम वाली घड़ी ना लगाएं। इसके साथ ही इस बात का ध्यान भी रखें कि आपके घर में लगी घड़ी बंद ना हो। इसके अलावा घड़ी पर धूल ना जमने दें।
इन बातों का जरूर रखें ध्यान
– घर में बंद पड़ी घड़ी ना रखें। वास्तु के अनुसार घड़ी के बंद होने पर आप पीछे रह जाते हैं और समय आगे निकल जाता है।
– घर में हरे और ऑरेंज कलर की घड़ी रखने से नेगेटिव एनर्जी आती है।
– लिविंग रूम में चौकोर शेप वाली घड़ी लगाएं। इससे घर के लोगों में शांति और प्यार बना रहता है।
राजस्थान
राजस्थान में पेट्रोल डीजल का समय बदला, अब से पेट्रोल डीजल रात 9बजे के बाद बंद रखने का एलान…
तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटा दी। वहीं अब राजस्थान में दो तेल कंपनियाें HPCL (हिंदुस्तान पेट्रोलियम काॅरपाेरेशन लिमिटेड) और BPCL (भारत पेट्रोलियम काॅरपाेरेशन लिमिटेड) ने घाटा कम करने के लिए तेल की राशनिंग शुरू कर दी है।
दोनों कंपनियों के सेल्स ऑफिसर पेट्रोल पंप संचालकों को खुले निर्देश दे रहे हैं कि वर्किंग आवर्स 8 घंटे ही रखें। यानी रात 9 बजे के बाद पेट्रोल-डीजल की बिक्री न करें। तेल की सेल घटाई जाए। दोनों कंपनियों के अफसरों ने अपने स्तर पर ही तेल कम देना शुरू कर दिया है।
सप्लाई पर ब्रेक, पंप पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री ठप
तेल कम देने के पीछे आगे से सप्लाई कम मिलना बताया जा रहा है, जबकि IOC (इंडियन ओयल कॉरपोरेशन लिमिटेड) अपने स्तर पर पूरे तेल की सप्लाई कर रही है। हालत यह है कि राजस्थान के 6700 पंप में से 4500 पंप रविवार को सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। 11 जून को दूसरा शनिवार व 12 जून को रविवार होने के कारण तेल डिपो बंद रहेंगे। सोमवार को ही सप्लाई सुचारू हो सकेगी। इस अघोषित तेल संकट पर कंपनियों के अफसरों ने चुप्पी साध रखी है। वहीं रिलायंस व एस्सार के पंप पर तेल की बिक्री नहीं हो रही।
दोनों कंपनियों ने मई के दूसरे सप्ताह से शुरू की राशनिंग
दोनों तेल कंपनियों ने मई के दूसरे सप्ताह से ये राशनिंग शुरू की है। इसके पीछे उच्च स्तर का हवाला दिया गया है। पहले डिमांड ड्राफ्ट के जरिए बुकिंग करवाते ही हाथों-हाथ आपूर्ति होती थी, लेकिन अब एडवांस बुकिंग मांगी जा रही है। इसके बावजूद भी दो से तीन दिन में सप्लाई की जा रही है। राजस्थान के जयपुर, जोधपुर अजमेर व कोटा स्थित तीनों कंपनियों के डिपो तेल के लिए मिलने में दिक्कत आ रही है।
डीलर्स से कह रहे- आगे से सप्लाई नहीं मिल रही, सेल घटाएं
राशनिंग पर जिम्मेदार बोले- ये तो वैश्विक संकट है
तेल की राशनिंग को लेकर भास्कर ने दोनों कंपनियों के जिम्मेदारों से बातचीत करने का प्रयास किया। जोधपुर में BPCL के डिपो इंचार्ज एसके राजपूत से बात की तो उन्होंने तेल संकट होने की बात खारिज कर दी। फिर कहा- ये वैश्विक संकट है। इसी तरह जयपुर में HPCL के डीजीएम आशीष सिंघल ने इस मुद्दे पर बात करना उचित नहीं समझा।
कंपनियों का दावा- 12 से 14 रु./लीटर तक हो रहा घाटा
21 मई को केंद्र ने पेट्रोल पर 9.55 रु. व डीजल पर 7.20 रु./ली. एक्साइज ड्यूटी घटाई। पहले से ही तेल की कीमतों में उछाल पर ब्रेक लगा रखा है। BPCL व HPCL कम हो रहे मुनाफे के लिए इसे ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दोनों कंपनियों के अफसर डीजल पर 14 रु. और पेट्रोल पर 11 से 12 रु./लीटर नुकसान की बात कह रहे हैं।
राजस्थान में तेल की बिक्री
डीजल : रोज 1.10 करोड़ लीटर
सालाना 400 करोड़ लीटर
पेट्रोल : रोज 23 लाख लीटर
सालाना 85 करोड़ लीटर
दोनों कंपनियों के डायरेक्टर तक शिकायत, लेकिन कोई असर नहीं
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सुनीत बगई बाेले- HPCL और BPCL अपने डीलर्स को तेल की सप्लाई नहीं दे रहे हैं। डीजल की सप्लाई तो रोक दी गई है। HPCL के सीएमडी डॉ. पुष्प कुमार जोशी, BPCL के कार्यकारी निदेशक पीएस रवि को स्थिति से अवगत कराया है। फिर भी हालात नहीं सुधरे।
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