दुनिया के नंबर वन टेनिस प्लेयर बने जोकोविक
ऑस्ट्रेलियन ओपन 2020 का पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने के साथ ही सर्बिया के नोवाक जोकोविक नवीनतम एटीपी रैंकिंग में राफेल नडाल को पछाड़कर एक बार फिर शीर्ष पर पहुंच गए। स्पेन के दिग्गज टेनिस प्लेयर राफेल नडाल ने पिछले साल चार नवंबर को जोकोविक को हराकर पहला स्थान हासिल किया था। वह रोजर फेडरर के शीर्ष पर रिकॉर्ड 310 सप्ताह के रिकॉर्ड से ज्यादा पीछे नहीं है। अगर वह पांच अक्टूबर तक रैंकिग में शीर्ष पर रहते हैं तो फेडरर का रिकॉर्ड तोड़ देंगे।
फेडरर रैंकिंग में तीसरे स्थान पर बरकरार हैं जिनके नाम 7130 अंक हैं। इस साल अपने सभी 13 मुकाबले जीतने वाले जोकोविक के नाम 9720 अंक हैं जबकि ऑस्ट्रेलियन ओपन के सेमीफाइनल में थिएम से हारने वाले नडाल के 9395 रेटिंग अंक हैं। रैंकिंग में थिएम को भी फायदा हुआ है जो एक स्थान के सुधार के साथ 7045 रेटिंग अंक लेकर चौथे स्थान पर पहुंच गए जबकि ऑस्ट्रेलियन ओपन के प्री-क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करने वाले रूस के डेनिल मेदवेदेव चौथे से पांचवें स्थान पर खिसक गए। इस मुकाबले में मेदवेदेव को हराने वाले स्विट्जरलैंड के स्टेन वावरिंका को दो स्थान का फायदा हुआ और वह 13वें पायदान पर पहुंच गए।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टू-व्हीलर चालकों के लिए नए ट्रैफिक नियम जारी किए हैं। नए नियमों के मुताबिक, अब 4 साल से कम उम्र के बच्चों को टू-व्हीलर पर ले जाने के लिए सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना होगा। चालकों को बच्चों के लिए हेलमेट और हार्नेस बेल्ट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। साथ ही टू-व्हीलर की स्पीड 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
मोटर व्हीकल एक्ट के नए नियम को जानिए
केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 (1988 क 59) की धारा 137 के खंड (कक) की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सेंट्रल मोटर एक्ट नियम, 1989 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाए हैं। नए नियमों का संक्षिप्त नाम क्रेंद्रीय मोटर यान (दूसरा संशोधन) नियम, 2022 है। केंद्रीय मोटर यान नियम, 1989 के नियम 138 के उपनियम (6) के पश्चात निम्नलिखित उपनियम स्थापित किए जाएंगेकेंद्रीय मोटर यान (दूसरा संशोधन) नियम, 2022 के प्रकाशन की तारीख से एक साल के पश्चात मोटरसाइकिल चालक को 9 महीने से 4 साल के बच्चे को सीट के पीछे ले जाते समय सेफ्टी हार्नेस का उपयोग करना होगा।
क्या है सेफ्टी हार्नेस बेल्ट?
सेफ्टी हार्नेस बच्चे द्वारा पहना जाने वाला एडजेस्टेबल बेल्ट होता है। इस बेल्ट को बच्चा पहनता है, लेकिन इसका हिस्सा टू-व्हीलर राइडर से जुड़ा रहता है। जैसे बच्चा इस बेल्ट किसी स्कूल बैग की तरह पहन लेता है। फिर इसका एक हिस्सा राइडर के कमर या पेट से लॉक हो जाता है। इस तरह बच्चा पूरी तरह से राइडर से जुड़ा रहता है। इसका बड़ा फायदा है कि बच्चा बाइक या स्कूटर से गिरेगा नहीं। भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 (2016 क 11) के अधीन तैयार किए जाने वाले हार्नेस सेफ्टी बेल्ट के स्पेसिफिकेशन कुछ ऐसे होने चाहिए।
लाइट केयरिंग, एडजेस्टेबल, वाटरप्रूफ और ड्यूरेबल हो
भारी नायलॉन, पर्याप्त कुशनिंग युक्त फोम वाली मल्टीफिलामेंट सामग्री से बना हो
30 किलो तक वजन उठाने की क्षमता के लिए डिजाइन किया गया हो
क्रैश या साइकिल हेलमेट पहनना भी जरूरी
टू-व्हीलर पर ट्रैवलिंग के दौरान बच्चे को सुरक्षित करने के लिए गाड़ी चलाने वाले को बच्चे की सुरक्षा के लिए हार्नेस से बांधना होता है, जो कि दो पट्टियों के साथ आता है। नए नियम में ट्रैवलिंग के दौरान क्रैश हेलमेट या साइकिल हेलमेट भी पहनना जरूरी होगा। हेलमेट सरकार द्वारा निर्दिष्ट मानकों का पालन करना चाहिए। केंद्र पहले ही निर्माताओं को बच्चों के लिए हेलमेट बनाना शुरू करने के लिए अधिसूचित कर चुका है।
उल्लंघन करने पर 1000 रुपए का जुर्माना
नए यातायात नियम का उल्लंघन करने पर 1000 रुपए का जुर्माना और 3 महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। टू-व्हीलर पर पीछे बैठने वाले बच्चों के लिए अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए नियम को शामिल करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया गया है। यह नियम चार साल तक के बच्चों को कवर करता है।
40kmph से ज्यादा नहीं होना चाहिए स्पीड
नया नियम टू-व्हीलर चलाने वालों के लिए यह भी सुनिश्चित करता है कि बच्चों के साथ यात्रा करते समय गाड़ी की गति 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा न हो। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में मंत्रालय ने एक मसौदा अधिसूचना जारी कर नियम में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। इसमें वाहन चलाने वालों को बच्चों के लिए सेफ्टी हार्नेस और क्रैश हेलमेट का इस्तेमाल अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया था। ये नियम 15 फरवरी 2023 से लागू हो जाएगा।
छत्तीसगढ़
Weathar update: यहां आज फिर हो सकती है बरसात, इन प्रदेशो में हल्की बारिश की संभावना…
छत्तीसगढ़ में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवा की दिशा बदली है। पूर्व की ओर से आ रही हवाएं बंगाल की खाड़ी से अच्छी-खासी नमी ला रही हैं। इसकी वजह से बुधवार को प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की बरसात की संभावना बन रही है। वर्षा का क्षेत्र सरगुजा और बिलासपुर संभाग होगा।मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त, गर्म हवा आने के कारण बुधवार को न्यूनतम तापमान में वृद्धि संभावित है। नमी युक्त हवा आने के कारण से आंशिक रूप से बादल छाने की भी संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर बहुत हल्की से हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पढ़े की सम्भावना बन रही है। प्रदेश में वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः उत्तर छत्तीसगढ़ ही रहने की संभावना है।मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को रायपुर में पूरवी हवा 1.3 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही थी। जबकि दुर्ग में हवा की दिशा उत्तर-पूर्वी थी। वहीं रफ्तार 3.6 किमी प्रति घंटा दर्ज हुई। अंबिकापुर, बिलासपुर, पेण्ड्रा रोड, जगदलपुर और राजनांदगांव जैसे केंद्रों में हवा शांत है। हवा में नमी की मात्रा 62 से 78% तक मापी गई है। एक सप्ताह पहले भी इन क्षेत्रों में बरसात हुई थी। उसके बाद शीतलहर की स्थिति वापस लौटी। हालांकि मौसम में इस बदलाव के बाद तापमान में अधिक गिरावट की संभावना कम बताई जा रही है। मौसम का यह बदलाव एक-दो दिन ही असर दिखाएगा। उसके बाद स्थिति सामान्य होती जाएगी।
एक-दो डिग्री तक गर्म हुआ न्यूनतम तापमान
हवा की दिशा बदलने के साथ मौसम गर्म हो गया है। एक दिन के भीतर न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की बढ़त देखी जा रही है। मंगलवार-बुधवार की रात का न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस रहा जाे बलरामपुर में दर्ज हुआ। एक दिन पहले यह 8 डिग्री के आसपास था। रायपुर में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस मापा गया जो सबसे अधिक था। बिलासपुर, पेण्ड्रा रोड, अंबिकापुर, जगदलपुर और दुर्ग में न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से कम है।
रायपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में सर्द-गर्म रही रात
रायपुर में दिन का तापमान तेजी से बढ़ा है। मंगलवार को अलग-अलग क्षेत्रों अधिकतम तापमान 29.2 से 29.8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। लेकिन रात के तापमान में मामूली बढ़त देखी गई। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र पर न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस मापा गया। एक दिन पहले यह 15.8 डिग्री था। माना हवाई अड्डे के पास न्यूनतम तापमान 15.9 डिग्री रहा। एक दिन पहले यहां तापमान 14.6 डिग्री मापा गया था। कृषि विश्वविद्यालय के पास लाभांडी में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि एक दिन पहले यहीं पर 12.5 डिग्री तापमान दर्ज हुआ था।
Lifestyle
Health Tips: अगर पेट फूलने के बीमारी से है परेशन तो करे ये उपाये…
पेट को कई बीमारियों की जड़ माना जाता है. कहा जाता है कि अगर आप वाकई स्वस्थ रहना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने पेट को साफ रखिए. लेकिन आजकल के गलत खानपान के कारण हमारा पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है. इसके कारण पेट फूलने की समस्या बहुत आम हो गई है. कई बार तो हालत ऐसी हो जाती है कि हम अपनी भूख से कम भी खाएं तो भी कुछ देर में पेट फूलना शुरू हो जाता है. पेट गड़बड़ होने के कारण बेचैनी महसूस होती है और कोई काम ठीक तरीके से नहीं हो पाता. अगर आपके साथ भी ये परेशानी है, तो आपको कुछ घरेलू उपाय आजमाने चाहिए. इन उपायों से आपको काफी मदद मिल सकती है.
ये हो सकते हैं कारण
अनहेल्दी फूड, खाना ठीक से न चबाकर खाना, अत्यधिक कार्बोहाइड्रेटयुक्त भोजन, अधिक तेल और मसाले वाला भोजन करना, डिप्रेशन या तनाव, ऑक्सीजन की कमी, लंबे समय से दवाओं का सेवन करना, गैस और कब्ज की समस्या के कारण. इसके अलावा रोज रोज खाने के बाद पेट का फूलना किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है.
ये हैं सामान्य उपाय
– अगर आपको अक्सर पेट फूलने की समस्या रहती है तो आपको रोजाना खाने से पहले ईसबगोल की भूसी और सेब के सिरके का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके लिए आप एक चम्मच ईसबगोल की भूसी में एक चम्मच सिरका मिक्स करें और इसमें पानी मिक्स कर दें. दोनों चीजों को मिलाकर खाने से आधे घंटे पहले पी लें.
– खाना खाने के करीब 15 से 20 मिनट बाद आप आधा चम्मच अजवाइन को गुनगुने पानी से पी लें. अजवाइन शरीर में गैस की समस्या को दूर करती है. इससे आपको काफी राहत महसूस होगी.
– रोजाना खाना खाने के बाद हरी इलायची खाने की आदत डालें. इसे मुंह में रखकर टॉफी की तरह चबाएं. इससे आपके पेट को काफी आराम महसूस होता है और ब्लोटिंग की समस्या कंट्रोल होती है.
– खाने के बाद 4 से 5 पुदीने के पत्तों को काले नमक के साथ चबाएं. इसके बाद एक या दो घूंट गुनगुना पानी पी लें. इससे भी पेट फूलने की समस्या में काफी आराम मिलता है.
ध्यान रहे
पेट फूलने की समस्या अगर आपको रोज रोज होती है और इन उपायों से किसी तरह की राहत नहीं मिलती, तो आपको इसके बारे में किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए. अगर ये किसी बीमारी का संकेत है, तो इसका सही तरीके से समय रहते इलाज किया जा सकेगा.
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