छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने खाए कोड़े और फिर मारने वाले को ही लगाया गले, जानिए वजह
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर साल प्रदेश की सुख, समृद्धि, मंगल कामना और विघ्नों के नाश के लिए कुश से बने सोटे का प्रहार सहते हैं। शुक्रवार को दुर्ग जिले के ग्राम जंजगिरी में उन्होंने यह परंपरा निभाई। यहां के ग्रामीण बीरेंद्र ठाकुर ने उन पर सोटे का प्रहार किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने गोवर्धन और गोवंश की पूजा की।
हर साल निभाई जाती है परंपरा
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणों से कहा कि हर साल भरोसा ठाकुर प्रहार करते थे। अब यह परंपरा उनके पुत्र बीरेंद्र ठाकुर निभा रहे हैं। ग्रामीणों से चर्चा में उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा गोवंश की समृद्धि की परंपरा की पूजा है, जितना समृद्ध गोवंश होगा उतनी ही हमारी तरक्की होगी। इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा इतनी लोकप्रिय होती है। लोग सालभर इसका इंतजार करते हैं। एक तरह से यह पूजा गोवंश के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक भी है। हर साल आप लोगों के बीच मैं सुबह-सुबह पहुंचता हूं और मुझे बहुत खुशी होती है।
सांस्कृतिक परंपरा बचाने की कोशिश
मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने कहा कि गोवर्धन पूजा लोक के उत्सव की परंपरा है। हमारे पूर्वजों ने बहुत सुंदर छोटी-छोटी परंपराओं का सृजन किया और इन परंपराओं के माध्यम से हमारे जीवन में उल्लास भरता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अपनी माटी की अस्मिता को सहेजना उसका संवर्धन करना हम सब का कर्तव्य है। कितनी सुंदर परंपराएं हमारे छत्तीसगढ़ की है। इस बात की आशंका थी कि धीरे-धीरे यह परम्पराएं कहीं विस्मृत न हो जाएं। ग्रामीणों से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह संकल्प लिया कि अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को अपनी व्यवस्था में शीर्षस्थ स्थान देंगे, क्योंकि परंपरा से हमारा अस्तित्व भी है, परंपरा से हमारे मूल्य भी हैं।
कृषि को बढ़ावा देने वाले हैं पर्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी ग्रामीण संस्कृति के पर्व कृषि को बढ़ावा देने वाले पर्व हैं। पर्व के माध्यम से हम जमीन से जुड़ते हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गौरा-गौरी पूजा में भी भाग लिया। सीएम ने कहा कि इतना सुंदर पूजन और इसके पश्चात पर्व के उल्लास की अभिव्यक्ति आप लोग कर रहे हैं। आपके जीवन में खुशियां आए। आपके लिए मैं मंगल कामनाएं करता हूं।
छत्तीसगढ़
सहायक ग्रेड-3 और भृत्य के बंपर पदों पर भर्ती के लिए आवेदन शुरू
विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से संभागीय आयुक्त कार्यालय बस्तर संभाग के लिए सहायक ग्रेड-03 एवं भृत्य के पदों पर सीधी भर्ती से भरे जाने की स्वीकृति के उपरांत चर्तुथ श्रेणी भृत्य के 03 पदों हेतु भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जा रही है। रिक्त पदों पर भर्ती हेतु बस्तर जिले के पात्र व इच्छुक स्थानीय निवासी अभ्यर्थियों से ऑनलाईन आवेदन पत्र विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड बस्तर के वेबसाईट www.jssbbastar.cgstate.gov.in पर आवेदन भरने की तिथि 03 से 25 नवम्बर 2021 तक आनलाईन आवेदन किये जा सकते हैं। चतुर्थ श्रेणी भृत्य के लिए आवेदन शुल्क सामान्य वर्ग 350 रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग 250 रूपए एवं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं दिव्यांगजन के लिए 200 रूपए जमा करना होगा। पदों के भर्ती के संबंध में आवेदन पत्र नियम, शर्ते एवं विज्ञापन का विस्तृत विवरण विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड जगदलपुर के वेबसाइट पर तथा बस्तर संभाग के सभी जिलों के वेबसाइट और आयुक्त कार्यालय के बस्तर संभाग के सूचना पटल पर भी देखा जा सकता है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़:कोरोना की तीसरी लहर का खतरा कायम, कोरोना जांच व निगरानी अगले 15 दिन तक सख्त
रूस और चीन समेत यूरोपीय देशों के कई शहरों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों लगातार बढ़े हैं और वहां तीसरी लहर की आशंका के साथ लाॅकडाउन जैसे कदम उठा लिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ में कोरोना के पाजिटिव केस बहुत कम निकल रहे हैं, लेकिन डाॅक्टरों का दावा है कि पिछले दो-तीन दिन से सर्दी-खांसी जोर पकड़ रही है, इसलिए तीसरी लहर की आशंका बरकरार है।
इसीसे स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार से अगले 15 दिन तक रोजाना 40 हजार के आसपास कोरोना टेस्ट करने की तैयारी कर ली है, जो अभी 10 हजार से भी कम हैं। यही नहीं, पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों से आने वालों की निगरानी का सिस्टम बना लिया गया है।
डाक्टरों की टीमें बनाई गई हैं, जो सोमवार से उन जिलों के दौरे पर निकलेंगी, जहां प्रदेश के बाकी जिलों की तुलना में ज्यादा मरीज निकल रहे हैं। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने 15 दिन तक रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और बस्तर में जांच बढ़ाने का फैसला किया है।
इनमें से रायपुर को छोड़कर बाकी जिलों में केस ज्यादा निकले हैं। रायपुर में त्योहारी सीजन में प्रदेशभर से लोगों की आवाजाही बड़ी संख्या में हुई है, इसलिए राजधानी को निगरानी में रखा गया है। जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें यहां का दौर कर स्थिति की समीक्षा करेंगी। हेल्थ अफसरों के मुताबिक किसी भी त्योहार के बाद आवाजाही से कितने केस बढ़ रहे हैं, इस स्थिति को 10 से 15 दिन के टाइम फ्रेम में देखा जाता है।
संपर्क में आने वालों की जांच, बच्चों के टीके की तैयारी तेज
नए पॉजिटिव आने वाले लोगों के संपर्क में आए कम से कम दस लोगों की जांच निश्चित रूप से करने के लिए भी जिलों को निर्देश दिए गए हैं। हालांकि अधिकांश जिलों में पॉजिटिव आने के बाद लोग फोन पर सही सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। इससे संपर्क के जरिए संक्रमित होने वाले लोग ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं।
संपर्क में आकर जांच नहीं करवाने वालों पर एफआईआर जैसे कड़ाई भी सख्ती से लागू की करने के लिए कहा है। बच्चों के टीकाकरण के लिए इस हफ्ते से तैयारियां तेज की जा रही है। अफसरों के मुताबिक केंद्र से दिशा निर्देश और टीके मिलने के बाद इस पर भी फोकस बढ़ाया जाएगा।
सीमावर्ती जिलों पर सख्ती जांच के साथ निगरानी भी
पड़ोस के राज्यों से सटे प्रदेश के सीमावर्ती जिलों राजनांदगांव, कांकेर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर, कवर्धा, बिलासपुर, कोरिया, बलरामपुर, रायगढ़ आदि जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की तैयारी है।
बार्डर पर एक बार फिर जांच बढ़ाने के साथ अन्य राज्यों से दिवाली के मौके पर आए लोगों की जांच में तेजी लाने के लिए कहा गया है। यही नहीं, दूसरे राज्यों या विदेश से लौटकर पॉजिटिव आने वाले सभी लोगों के कोविड सैंपल एडवांस जांच के लिए अनिवार्य रूप से भेजे जा रहे हैं, ताकि कोई नया वैरिएंट हो तो इसका पता भी पहले ही लगाया जा सके।
दूसरे राज्यों से आने वालों पर अब कड़ी नजर; रायपुर, दुर्ग, बस्तर में लगातार बढ़ रहे मरीज
इस साल दूसरी लहर के पीक के गुजरने के बाद आधा दर्जन से अधिक त्योहारी सीजन बीत चुके हैं, लेकिन किसी भी त्योहार के बाद केस नहीं बढ़े हैं।
प्रदेश के जिन जिलों में अभी लगातार केस बढ़ रहे हैं उनमें रायपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, बस्तर, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जैसे जिले शामिल रहे हैं। इन जिलों में एंटीजन के साथ आरटीपीसीआर टेस्ट भी बढ़ाने के लिए कहा जा रहा है। प्रदेश के बड़े जिलों में दूसरी लहर के 9 हजार से अधिक टेस्ट किए जा रहे थे, अब एक बार फिर इतने ही टेस्ट रोज करने के लिए कहा जा रहा है।
एक्सपर्ट व्यू; कई देशों में लहर, सावधानी जरूरी
कोरोना को लेकर अगले 6 माह तक बेहद सावधानी बरतना जरूरी है। अगले साल मार्च में महामारी के दो साल पूरे हो जाएंगे। दुनिया के बहुत से देशों में तीसरी लहर आ गई है, कहीं-कहीं चौथी लहर का भी ट्रेंड है।
छत्तीसगढ़ में भी तीसरी लहर का खतरा बना हुE है, क्योंकि अभी कई देशों में अचानक केस बढ़े हैं, बिना सावधानी के बाहर न निकलें।-डॉ. नितिन एम नागरकर, डायरेक्टर-रायपुर एम्स
तीसरी लहर की आशंका है, पूरा जोर टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर है। जिन जिलों में मरीज ज्यादा हैं, वहां सोमवार से जांच बढ़ा रहे हैं। जो पाजिटिव निकलेंगे, उनके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति का टेस्ट करेंगे।–डॉ. सुभाष मिश्रा, डायरेक्टर-एपिडेमिक
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