छत्तीसगढ़
मौसम में हुए बदलाव को देखते हुए रबी फसलों का रखे ध्यान-कृषि मौसम विभाग ने जारी की मौसम संबंधित पूर्वानुमान
पिछले 2-3 दिनों से मौसम में हुए बदलाव को देखते हुए कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने छत्तीसगढ़ के मैदानी भागों के लिए मौसम संबंधित पूर्वानुमान जारी की है। इसके अनुसार बालौद, रायपुर, दुर्ग, धमतरी एवं गरियाबंद जिलों में वायु की गति सामान्य से अधिक होगी। वायु की रफ्तार 5 से 6 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है। इसके साथ ही इन मैदानी भाग में आने वाले 3 से 4 दिनों में हल्की वर्षा का भी पूर्वानुमान है। परिस्थिति को देखते हुए रबी फसल के लिए किसानों को जरूरी सलाह दी गई है।
जारी सलाह के अनुसार वर्तमान में होने वाली हल्की वर्षा गेहूँ फसल के लिए लाभदायक है, अतः पानी गिरने पर सिंचाई न करें। रबी फसल के अंतर्गत आने वाले चना एवं अन्य दलहन फसलों में कीड़े मकोड़े इत्यादि लगने की संभावना है। इसको देखेते हुए मौसम साफ होते ही अनुशंसित कीटनाशकों का उपयोग करें। चने में इल्लियों के नियंत्रण हेतु प्रोफेनोफास एवं साइपरमेथ्रिन मिश्रित कीटनाशक 400 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करंे। बादल छाए रहने के कारण धान की फसल में इल्लीयों का प्रकोप बढ़ सकता है इसलिए इसकी सतत् निगरानी करते रहे। इल्ली के प्रारम्भिक नियंत्रण हेतु एकीकृत कीट प्रबंधन जैसे फीरोमोन प्रपंच, प्रकाश प्रपंच या खेतों में किटहारी पक्षियों की खेती में सक्रियता बढ़ाने हेतु टी या वाय आकार की लकड़ियां 20-25 नग प्रति हेक्टर की दर से अलग-अलग स्थानों में लगाएं। सरसों फसल में माहू (एफिड) कीट की शिशु और वयस्क दोनों ही हानिकारक अवस्थाएं है। इस कीट की अधिक प्रकोप होने पर नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 250 मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से घोल बनाकर 10-15 दिन के अंतराल पर आवश्यकतानुसार दो से तीन बार छिड़काव करें। सरसों फसल में निचली पत्तियों पर रोग के लक्षण दिखाई देने पर मेटालेकिसल एक ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। रोग की तीव्रता के अनुसार 10-12 दिन बाद एक छिड़काव और किया जा सकता है।
सूरजमुखी फसल में पहली सिंचाई फसल बोने के 35-40 दिन बाद देना चाहिए एवं पहली सिंचाई के समय नत्रजन की शेष मात्रा डालनी चाहिए। पत्तियों पर भूरा धब्बा रोग दिखने पर ताम्रयुक्त फफूंदनाशी 3 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। जिन किसानों ने खरीफ फसलों का भंडारण सही से नहीं किया है वे अपनी फसलों को तथा अगले वर्ष उपयोग में आने वाले बीज की सुरक्षा करें। रबी तिलहनी फसलों में कीड़े-मकोड़ें की वर्तमान मौसम को देखते हुए अधिक प्रकोप होने की संभावना को देखेते हुए अनुशंसित कीटनाशकों का उपयोग करें। साफ मौसम में निंदाई कर भी सकते है। दलहनी फसलों में पीला मोजेक रोग दिखाई देने पर रोगग्रस्त पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें तथा मेटासिस्टाक्स या रोगोर कीटनाशक दवा एक मि.ली. या एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। दलहनी फसलों में उकठा (विल्ट) रोग दिखाई देने पर सिंचाई न करें अथवा स्प्रिंकलर द्वारा सिंचाई करें। बादल छाए रहने के कारण साग-सब्जियों में एफीड (मैनी) एवं भटा में फल एवं तनाछेदक लगने की संभावना को देखते हुए प्रारम्भिक कीट नियंत्रण हेतु एकीकृत कीट प्रबंधन का प्रयोग जैसे फीरोमोन प्रपंच, प्रकाश प्रपंच या खेतों में पक्षियों के बैठने हेतु खूंटी लगाना लाभकारी होगा। केला के पौधे में फूल आने की स्थिति में वर्तमान मौसम को देखते हुए पौधे को संरक्षित करें।
छत्तीसगढ़
Weathar update: यहां आज फिर हो सकती है बरसात, इन प्रदेशो में हल्की बारिश की संभावना…
छत्तीसगढ़ में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवा की दिशा बदली है। पूर्व की ओर से आ रही हवाएं बंगाल की खाड़ी से अच्छी-खासी नमी ला रही हैं। इसकी वजह से बुधवार को प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की बरसात की संभावना बन रही है। वर्षा का क्षेत्र सरगुजा और बिलासपुर संभाग होगा।मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त, गर्म हवा आने के कारण बुधवार को न्यूनतम तापमान में वृद्धि संभावित है। नमी युक्त हवा आने के कारण से आंशिक रूप से बादल छाने की भी संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर बहुत हल्की से हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पढ़े की सम्भावना बन रही है। प्रदेश में वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः उत्तर छत्तीसगढ़ ही रहने की संभावना है।मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को रायपुर में पूरवी हवा 1.3 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही थी। जबकि दुर्ग में हवा की दिशा उत्तर-पूर्वी थी। वहीं रफ्तार 3.6 किमी प्रति घंटा दर्ज हुई। अंबिकापुर, बिलासपुर, पेण्ड्रा रोड, जगदलपुर और राजनांदगांव जैसे केंद्रों में हवा शांत है। हवा में नमी की मात्रा 62 से 78% तक मापी गई है। एक सप्ताह पहले भी इन क्षेत्रों में बरसात हुई थी। उसके बाद शीतलहर की स्थिति वापस लौटी। हालांकि मौसम में इस बदलाव के बाद तापमान में अधिक गिरावट की संभावना कम बताई जा रही है। मौसम का यह बदलाव एक-दो दिन ही असर दिखाएगा। उसके बाद स्थिति सामान्य होती जाएगी।
एक-दो डिग्री तक गर्म हुआ न्यूनतम तापमान
हवा की दिशा बदलने के साथ मौसम गर्म हो गया है। एक दिन के भीतर न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की बढ़त देखी जा रही है। मंगलवार-बुधवार की रात का न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस रहा जाे बलरामपुर में दर्ज हुआ। एक दिन पहले यह 8 डिग्री के आसपास था। रायपुर में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस मापा गया जो सबसे अधिक था। बिलासपुर, पेण्ड्रा रोड, अंबिकापुर, जगदलपुर और दुर्ग में न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से कम है।
रायपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में सर्द-गर्म रही रात
रायपुर में दिन का तापमान तेजी से बढ़ा है। मंगलवार को अलग-अलग क्षेत्रों अधिकतम तापमान 29.2 से 29.8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। लेकिन रात के तापमान में मामूली बढ़त देखी गई। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र पर न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस मापा गया। एक दिन पहले यह 15.8 डिग्री था। माना हवाई अड्डे के पास न्यूनतम तापमान 15.9 डिग्री रहा। एक दिन पहले यहां तापमान 14.6 डिग्री मापा गया था। कृषि विश्वविद्यालय के पास लाभांडी में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि एक दिन पहले यहीं पर 12.5 डिग्री तापमान दर्ज हुआ था।
Cgnews
CG News: BSP के सिंटर प्लांट के पास ऊंचाई से गिरा मजदुर, मौत…
भिलाई | इस्पात संयंत्र में काम करने वाले एक ठेका श्रमिक की ऊंचाई से गिरने से मौत हो गई। वो सिंटर प्लांट तीन की मशीन -1 की बिल्डिंग के ऊपर से गिरा है। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि ये कोई घटना है या आत्महत्या। भट्ठी पुलिस इसे आत्महत्या का ही मामला मान रही है। लेकिन, आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।पुलिस के मुताबिक उक्त घटना शनिवार की सुबह नौ बजे की है। ग्राम खोपली उतई निवासी रोशन कुमार साहू (30) की ऊंचाई से गिरने से मौत हो गई। उसकी लाश सिंटर प्लांट तीन के मशीन-1 बिल्डिंग के पास मिली। उसके साथ काम करने वाला व्यक्ति उसी बिल्डिंग के अंदर था। वो ऊंचाई पर क्या करने गया, ये किसी को पता नहीं है। मृतक टेक्नो केयर इंजीनियर्स में काम करता था।मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट या मोबाइल पर कोई ऐसा चैट नहीं मिला है। जिससे ये स्पष्ट हो सके कि उसने आत्महत्या ही की है। मामला संदिग्ध है। घटना की जानकारी लगने पर भट्ठी पुलिस और फोरेंसिक की टीम मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया है और ये निष्कर्ष निकाला है कि ये घटना आत्महत्या का है। अभी मृतक के परिवार वालों से पूछताछ नहीं की जा सकी है। इसलिए घटना का कारण स्पष्ट नहीं है।ये मामला आत्महत्या का लग रहा है। अभी परिवार वालों का बयान नहीं हो सका है। इसलिए इसका कारण पता नहीं चल सका है। मामले की जांच की जा रही है।
छत्तीसगढ़
सचिन तेंदुलकर ने बप्पी लहरी को याद कर कहा- ये…
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर बप्पी लहरी के गानों के मुरीद हैं। बॉलीवुड के म्यूजिक डायरेक्टर और गायक बप्पी लहरी का मंगलवार रात 11 बजे 69 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के जुहू स्थित क्रिटी केयर हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपनी बहुचर्चित फिल्म ‘सचिन ए बिलियन ड्रीम्स’ में कहा था कि हर बार जब वह मैदान पर कुछ तनाव में होते थे तो वह बप्पी लहरी का गाना- याद आ रहा है, सुनते थे।सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा, ‘मैंने वास्तव में बप्पी दा के संगीत का खूब आनंद लिया, विशेष रूप से याद आ रहा है इस गाने को ड्रेसिंग रूम में कई बार सुना। उनकी प्रतिभा वास्तव में अद्भुत थी। आप हमेशा हमें याद रहोगे बप्पी दा।’
‘बप्पी दा भी थे सचिन के फैन
वहीं बप्पी दा से भी जब यह सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था कि वह सचिन के फैन हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं सचिन तेंदुलकर से प्यार करता हूं। मैं एक क्रिकेट प्रेमी हूं और बचपन से इस खेल को पसंद करता रहा हूं। सचिन क्रिकेट के भगवान हैं।’
सचिन की तारीफ को बताया था सबसे बड़ा उपहार
बप्पी लहरी ने सचिन के तारीफ किए जाने को सबसे अहम उपहार बताया था। उन्होंने कहा था, ‘यह मेरे लिए बहुत बड़ा उपहार है। मैं बहुत प्रभावित और खुश हूं कि सचिन तेंदुलकर ने मेरे गीत की सराहना की है।’
डिस्को म्यूजिक को बनाया लोकप्रिय
बप्पी दा के नाम से मशहूर आलोकेश लाहिड़ी ने डिस्को म्यूजिक को भारतीय सिनेमा में लोकप्रिय बनाया। उनका जन्म 27 नवंबर, 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था। 1980 के दशक में अपने संगीत और गानों के जरिये वे लोगों के दिलों पर छा गए थे। उनके गाने डिस्को डांसर, शराबी और नमक हलाल जैसी सुपरहिट फिल्मों में गाए गए थे।
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